सहरसा : बीते हुये बुधवार के दिन को बीएनएमयू मधेपुरा में छात्र संघ पदाधिकारीयो के साथ विवि प्रशासन के द्वारा कि दुर्व्यवहार, मारपीट कर उल्टे मुकदमा दर्ज करवाना और फिर रजिस्टार कर्नल नीरज कुमार के द्वारा बयान देना कि कर्मचारी कलम के साथ लाठी भी रखे यह निंदनीय अशोभनीय और स्तरहीन बाते है।
जदयू के छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि रजिस्टार कर्नल नीरज कुमार के द्वारा यहा कहना कि कर्मचारी कलम के साथ लाठी भी रखे यह बिल्कुल उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। क्योंकि रजिस्टार शिक्षा के मंदिर को हिंसा का अखाड़ बना विश्वविद्यालय को पूर्व के तरह फिर से लुट का अड्डा बनाना चाहते है। जदयू छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि बिना सार्वजनिक रूप से किसी पूर्व सूचना या विज्ञापन निकाले किसी भी पद पर बहाली करना सरासर गलत है। यूजीसी और राजभवन के गाइड लाइन के अनुसार विश्वविद्यालय अपनी किसी भी बहाली या टेंडर को 21 दिन पूर्व अपनी बेवसाइट के अलावे सभी दैनिक अखबार ,पत्र पत्रिका, और पोर्टल न्यूज चैनल के माध्यम से सुचना सार्वजनिक करेगी, लेकिन इंटरव्यू के एक दिन पहले बेवसाइट सिर्फ बेवसाइट पर सुचना देना कानूनन गलत है और विश्वविद्यालय प्रशासन के मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है और जदयू इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध करती है और विश्वविद्यालय के छात्र संघ पदाधिकारी समेत अन्य छात्र नेताओ के द्वारा इंटरव्यू का विरोध को बिल्कुल जाएजा करार देते हुए उनका समर्थन करता है । जदयू के छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि विश्व प्रशासन अपनी काले कारनामे का छुपाने के लिए छात्र नेता को खदेड़ने का आदेश दिया। जिससे विश्वविद्यालय में अराजकता का माहौल पैदा किया।
बीएनएमयू अपने स्थापना काल से ही ऐसे तुगलकी और भ्रष्टाचार के आकंठ मे डूबे लुटेरे पदाधिकारीयो के कारण जर्जर में खोखला हो चुका है । यहां जदयू कुलाधिपति सह राज्यपाल को पत्र लिख सारे मामलो से अवगत कराइगी और दोषी अराजक प्रोवीसी और रजिस्टार पर अविलंब हटा कर कारवाई करते हुए निलंबन की मांग करेगी।
जदयू के छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि रजिस्टार कर्नल नीरज कुमार के द्वारा यहा कहना कि कर्मचारी कलम के साथ लाठी भी रखे यह बिल्कुल उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। क्योंकि रजिस्टार शिक्षा के मंदिर को हिंसा का अखाड़ बना विश्वविद्यालय को पूर्व के तरह फिर से लुट का अड्डा बनाना चाहते है। जदयू छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि बिना सार्वजनिक रूप से किसी पूर्व सूचना या विज्ञापन निकाले किसी भी पद पर बहाली करना सरासर गलत है। यूजीसी और राजभवन के गाइड लाइन के अनुसार विश्वविद्यालय अपनी किसी भी बहाली या टेंडर को 21 दिन पूर्व अपनी बेवसाइट के अलावे सभी दैनिक अखबार ,पत्र पत्रिका, और पोर्टल न्यूज चैनल के माध्यम से सुचना सार्वजनिक करेगी, लेकिन इंटरव्यू के एक दिन पहले बेवसाइट सिर्फ बेवसाइट पर सुचना देना कानूनन गलत है और विश्वविद्यालय प्रशासन के मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है और जदयू इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध करती है और विश्वविद्यालय के छात्र संघ पदाधिकारी समेत अन्य छात्र नेताओ के द्वारा इंटरव्यू का विरोध को बिल्कुल जाएजा करार देते हुए उनका समर्थन करता है । जदयू के छात्रनेता गौरव बंटी ने कहा कि विश्व प्रशासन अपनी काले कारनामे का छुपाने के लिए छात्र नेता को खदेड़ने का आदेश दिया। जिससे विश्वविद्यालय में अराजकता का माहौल पैदा किया।
बीएनएमयू अपने स्थापना काल से ही ऐसे तुगलकी और भ्रष्टाचार के आकंठ मे डूबे लुटेरे पदाधिकारीयो के कारण जर्जर में खोखला हो चुका है । यहां जदयू कुलाधिपति सह राज्यपाल को पत्र लिख सारे मामलो से अवगत कराइगी और दोषी अराजक प्रोवीसी और रजिस्टार पर अविलंब हटा कर कारवाई करते हुए निलंबन की मांग करेगी।
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