बनगाँव : मणि तारा शिक्षा निकेतन बनगाँव में बाल दिवस मनाया गया ।
इस अवसर पर डायरेक्टर गणेश जनगण एवं प्राचार्या रजनी जनगण के साथ साथ शिक्षक विनोद शंकर खाँ , प्रमोद मिश्र, संजीव जी,गंगानाथ जी, संगीत जी और शिक्षिका पुनिता देवी ,अर्चना देवी , सोनम , समीक्षा, श्रुतिकुंज एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । प्राचार्या रजनी जनगण के द्वारा राष्ट्रभक्ति गीत "चन्दन है इस देश की माटी" गाया गया । इस
अवसर पर प्रेषित अपने सन्देश में सामाजिक संस्था "उग्राद्या" के सचिव डॉ. विनय कर्ण ने पं. नेहरू के जीवन से शिक्षा लेने की सलाह दी । पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए जनगण जी ने इस बार से बाल दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण करने का निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि अब बच्चे अपने जन्मदिन के अवसर पर वृक्षारोपण करें क्योंकि टॉफियों या मिठाइयों की मिठास तो क्षणिक होती है जबकि वृक्षारोपण से दीर्घकाल तक समाज लाभान्वित होता रहेगा । वहां उपस्थित निःशुल्क शिक्षा के संस्थापक सूर्यानंद खाँ ने कहा कि पहचान से मिला काम थोड़े समय के लिए होता है जबकि काम से मिली पहचान उम्रभर रहती है ।
इस अवसर पर डायरेक्टर गणेश जनगण एवं प्राचार्या रजनी जनगण के साथ साथ शिक्षक विनोद शंकर खाँ , प्रमोद मिश्र, संजीव जी,गंगानाथ जी, संगीत जी और शिक्षिका पुनिता देवी ,अर्चना देवी , सोनम , समीक्षा, श्रुतिकुंज एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । प्राचार्या रजनी जनगण के द्वारा राष्ट्रभक्ति गीत "चन्दन है इस देश की माटी" गाया गया । इस
अवसर पर प्रेषित अपने सन्देश में सामाजिक संस्था "उग्राद्या" के सचिव डॉ. विनय कर्ण ने पं. नेहरू के जीवन से शिक्षा लेने की सलाह दी । पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए जनगण जी ने इस बार से बाल दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण करने का निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि अब बच्चे अपने जन्मदिन के अवसर पर वृक्षारोपण करें क्योंकि टॉफियों या मिठाइयों की मिठास तो क्षणिक होती है जबकि वृक्षारोपण से दीर्घकाल तक समाज लाभान्वित होता रहेगा । वहां उपस्थित निःशुल्क शिक्षा के संस्थापक सूर्यानंद खाँ ने कहा कि पहचान से मिला काम थोड़े समय के लिए होता है जबकि काम से मिली पहचान उम्रभर रहती है ।
इस कार्यक्रम का संचालन सूर्यानंद खाँ के द्वारा किया गया ।
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