बंटी : (डेस्क न्यूज़) : सहरसा : एम्स निर्माण संघर्ष समिति के प्रमंडलीय संयोजक विनोद कुमार झा ने नगर परिषद के सभापति को एक अनुरोध पत्र सौपकर कोसी प्रमंडल आवाम के लिए प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा में ही एम्स महाअस्पताल के निर्माण हेतु प्रस्ताव पारित करने एवं सरकार को अपने उच्च स्तर से विचार प्रस्ताव भेजने हेतु अनुरोध किया है।
सौपे गए अनुरोध पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार के आम बजट
2015- 16 में बिहार को एक एम्स देने का निर्णय कर हम बिहारवासियों को नई जान के साथ ही नई आशा की किरण प्राप्त हुआ। इसी आलोक में कोसी की जनता ने सर्वदलीय बैठक कर एम्स निर्माण संघर्ष समिति कोशी प्रमंडल सहरसा का गठन कर इसके बैनर तले कोसी पीड़ित आवाम की वास्तविक दुखद स्थिति को दर्शाते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी प्रमुख केंद्रीय मंत्रालय समेत बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्च स्तरीय मंत्रालय, विभाग को कई बार ज्ञापन दिया एवं जनजागरण धरना आदि के माध्यम से सरकार को बताने का सफल कार्य किया है कि यह एम्स सहरसा में बनना क्यों उचित है। श्री झा के द्वारा सौपे गए अनुरोध पत्र में कहा गया है कि सहरसा में एम्स का निर्माण होने से उत्तर बिहार के मिथिलांचल, सीमांचल सहित नेपाल एवं पश्चिम बंगाल के तराई के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। संघर्ष समिति के द्वारा भेजे गए ज्ञापन को बिहार सरकार ने संज्ञान लेकर सहरसा जिला के पदाधिकारी को एम्स हेतु 200 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का आदेश प्रदान किया। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के द्वारा सत्तरकटैया अंचल अवस्थित गोबरगढ़ा में 217 एकड़ 74 डिसमिल भूमि का पता लगाकर उसका पिछले 3 माह से मापी कर संघर्ष समिति द्वारा संतुष्ट होने के उपरांत इस संबंध में विभागीय माफी संबंधित विभागीय अमीन, अंचलाधिकारी सत्तरकटैया एवं कहरा, डीसीएलआर सहरसा, एडीएम सहरसा और अंत में जिला पदाधिकारी सहरसा के माध्यम से सभी ब्यौरा को सिलसिलेवार व क्रमबद्ध ढंग से कर पत्रांक 1525 दिनांक 26 अगस्त 2017 को बिहार सरकार को भेजा गया। अब कोसीवासियों को एम्स खुलने की उम्मीद जगी है। अनुरोध पत्र में कहा कि यह भूमि बाढ़ आने पर भी कभी बाढ़ प्रभावित नहीं हुआ। यह हवाई अड्डा से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा एम्स निर्माण के सभी मापदंडो को पूरा करती है। कोसी नदी में हर साल बाढ़ आने से प्रलय और महाप्रलय की स्थिति आती है जिसके कारण जान माल का भारी नुकसान होता है एवं मिथिलांचल, सीमांचल सहित दस से पंद्रह जिला के लोगों का शरण स्थली सहरसा जिला को ही बनाया जाता है। दक्षिण बिहार में अवस्थित पटना जिला में पूर्व में ही एम्स बन चुका है अब वहां से कोसों दूर कोसी कि धरती सहरसा में ही एम्स बनना जनहित, न्यायहित और संपूर्ण उत्तर बिहार के जनता के हित में उचित होगा। श्री झा ने नगर परिषद के सभापति से बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के हित में कोशी प्रमंडल के मुख्यालय सहरसा में ही एम्स के निर्माण हेतु बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार को अपने उच्च स्तर से विचार प्रस्ताव भेजने की मांग की है जिससे कोसी पीड़ित आवाम को यह भरोसा हो कि सहरसा में एम्स बनेगा यह कदम लोकहित, जनहित एवं यहां के सम्पूर्ण आवाम के न्यायहित में होगा।
आपकी आवाज, आपकी ताकत।
सौपे गए अनुरोध पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार के आम बजट
2015- 16 में बिहार को एक एम्स देने का निर्णय कर हम बिहारवासियों को नई जान के साथ ही नई आशा की किरण प्राप्त हुआ। इसी आलोक में कोसी की जनता ने सर्वदलीय बैठक कर एम्स निर्माण संघर्ष समिति कोशी प्रमंडल सहरसा का गठन कर इसके बैनर तले कोसी पीड़ित आवाम की वास्तविक दुखद स्थिति को दर्शाते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी प्रमुख केंद्रीय मंत्रालय समेत बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्च स्तरीय मंत्रालय, विभाग को कई बार ज्ञापन दिया एवं जनजागरण धरना आदि के माध्यम से सरकार को बताने का सफल कार्य किया है कि यह एम्स सहरसा में बनना क्यों उचित है। श्री झा के द्वारा सौपे गए अनुरोध पत्र में कहा गया है कि सहरसा में एम्स का निर्माण होने से उत्तर बिहार के मिथिलांचल, सीमांचल सहित नेपाल एवं पश्चिम बंगाल के तराई के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। संघर्ष समिति के द्वारा भेजे गए ज्ञापन को बिहार सरकार ने संज्ञान लेकर सहरसा जिला के पदाधिकारी को एम्स हेतु 200 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का आदेश प्रदान किया। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के द्वारा सत्तरकटैया अंचल अवस्थित गोबरगढ़ा में 217 एकड़ 74 डिसमिल भूमि का पता लगाकर उसका पिछले 3 माह से मापी कर संघर्ष समिति द्वारा संतुष्ट होने के उपरांत इस संबंध में विभागीय माफी संबंधित विभागीय अमीन, अंचलाधिकारी सत्तरकटैया एवं कहरा, डीसीएलआर सहरसा, एडीएम सहरसा और अंत में जिला पदाधिकारी सहरसा के माध्यम से सभी ब्यौरा को सिलसिलेवार व क्रमबद्ध ढंग से कर पत्रांक 1525 दिनांक 26 अगस्त 2017 को बिहार सरकार को भेजा गया। अब कोसीवासियों को एम्स खुलने की उम्मीद जगी है। अनुरोध पत्र में कहा कि यह भूमि बाढ़ आने पर भी कभी बाढ़ प्रभावित नहीं हुआ। यह हवाई अड्डा से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा एम्स निर्माण के सभी मापदंडो को पूरा करती है। कोसी नदी में हर साल बाढ़ आने से प्रलय और महाप्रलय की स्थिति आती है जिसके कारण जान माल का भारी नुकसान होता है एवं मिथिलांचल, सीमांचल सहित दस से पंद्रह जिला के लोगों का शरण स्थली सहरसा जिला को ही बनाया जाता है। दक्षिण बिहार में अवस्थित पटना जिला में पूर्व में ही एम्स बन चुका है अब वहां से कोसों दूर कोसी कि धरती सहरसा में ही एम्स बनना जनहित, न्यायहित और संपूर्ण उत्तर बिहार के जनता के हित में उचित होगा। श्री झा ने नगर परिषद के सभापति से बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के हित में कोशी प्रमंडल के मुख्यालय सहरसा में ही एम्स के निर्माण हेतु बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार को अपने उच्च स्तर से विचार प्रस्ताव भेजने की मांग की है जिससे कोसी पीड़ित आवाम को यह भरोसा हो कि सहरसा में एम्स बनेगा यह कदम लोकहित, जनहित एवं यहां के सम्पूर्ण आवाम के न्यायहित में होगा।
आपकी आवाज, आपकी ताकत।
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