★बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर चलाया जा रहा अभियान।
पटना : हम अपने कर्तव्यों के प्रति आखिर इतने उदासीन क्यों हैं ? कहीं हम झुठे अहंकार के शिकार तो नही हैं? ये प्रश्न भी वाहे बगाहे मेरे मन में कौंधता है ।
आखिर हम पलासी युध्द के मूकदर्शक छवि की भूमिका में क्यों हैं? हम अपने लोगों की सहायता में योगदान देने से कतराते क्यों हैं ? क्या हमारी दृढ इच्छा शक्ति का क्षरण हो चुका है ? ये बहुत से सवाल हमारे सामने खड़े हैं।हमें हर हाल में इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढ़ने होंगे ।हमें हमारी एक दूसरे को नीचा दिखाने की सोंच से बाहर आना होगा ।
उक्त बातें नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमारगुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि चरित्र रावण का भी थाकि अपने अहंकार में अपने बंधु-बांधवों को बलि बेदी पे चढ़ा कर खुद भी मौत की आगोश में चला गया।चरित्र पांडवों का भी था कि एक दूसरे के प्रति समर्पित रह कर कम संख्या रहते हुए भी विजयी रहा।राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमारगुप्ता ने कहा कि बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है।संगठन ने निर्णय लिया है कि बिहार मेंएक राष्ट्रीय अधिवेशन हो और हम अपनी मांग बिहार सरकार के सामने रखेंगे।
“नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन”पत्रकारों को स्वतंत्रता से कार्य करने का संपुर्ण भरोसा दिलाता है । चाहे आप किसी भी संगठन अथवा गैर संगठनवादी हो, झिझकने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है । आपस्वतंत्र हैं ,यहाँ नि:शुल्क नाम पंजीकृत करवाने के लिए ।क्योंकि हमारा मकसद है एक ही छत्रछाया हो पत्रकारिता जगत की,जिससे कोई बाल बांका ना कर सके ,कोई शोषण ना कर सके , हमारे जांबाज पत्रकार योद्धाओं का। बिहार हो या उत्तर प्रदेश या फिर दिल्ली।हमारासंगठन दिल खोल कर पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने का काम किया है। श्री गुप्ता ने कहा कि हमारे संगठन का उद्देश्य पत्रकारों के हितार्थ-सुरक्षार्थ पत्रकार सुरक्षा कानून बनवाना है। जिससे हमारा पत्रकार परिवार पूर्ण रूप से सुरक्षित रहें एवम् स्वतन्त्र अभिव्यक्ति में किसीप्रकार की बाधा ना आये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रताड़ित पत्रकारों की आवाज हम बुलन्द कर रहे हैंऔर करते रहेंगे। कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री,डीजीपी डीआईजी,आईजी,सांसद तक को संगठन के स्तर से पत्र लिखकर उन्हें न्याय दिलायाजा रहा है। हम लगातारअपने संगठन की ओर से पत्रकारों की आवाज बन कर उभर रहे हैं।मधेपुरा के उदय कुमार,गौरव ठाकुर, खगड़िया के राजेश कुमार सिन्हा, पूर्णिया के मनोज कुमार मिश्रा, कटिहार के भाई संजीव गुप्ता,यूपी के रमेश ठाकुर, रायबरेली के मनीष शुक्ल,मुंगेर के कई मित्रों के साथस्थानीय प्रशासन,दबंगो द्वारा प्रताड़ित किया गया।जिसका हमारी संगठन ने विरोध दर्ज कर धरना प्रदर्शन किया। लगातार अपनी आवाज को बुलंद की और पत्रकार बंधुओं को न्याय दिलाया गया।
नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सुमन ने कहा कि आए दिन पत्रकारों पे अपराधियों के द्वाराहमले हो रहे हैं तो कहीं प्रसाशन के द्वारा पत्रकारों केकलम को रोकने के लिए फर्जी मुकद्दमे किए जा रहें हैं।देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन ने समस्त भारत में अभियान छेड़ा है। आज हम सब इस सच्चाई से भली भांति परिचित हैं कि शासन -प्रशासनमें बैठे लोग पत्रकारों के साथ किस तरह के व्यवहार कर रहे हैं ।अपराधियों के हौसलेइतने बुलंद हो गए हैंकि आए दिन कोई न कोई पत्रकार उनका शिकार हो रहा है। राष्ट्रीय महासचिव श्रीसुमन ने कहा कि देश मे हो रही पत्रकारों की हत्याएं और पत्रकार उत्पीड़न को देखते हुए हमने और हमारे साथियो के साथ इस संगठन की नींव रखी थीं, जिसको पुरे देश से भरपूर समर्थन मिल रहा है। आज एक बड़ी ताकत के रूप में हमारी पहचान बन गई हैं। हमारी लड़ाई सिर्फ पत्रकारों को सुविधा दिलाने के लिए नहीं हैं बल्कि हम पत्रकारों का मनोबल बढाकर उसके सम्मान और सुरक्षा के लिए एक आंदोलन के रूप में खड़े हुए हैं और इनके पीछे हमारी मंशा लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाकर देश को ओर मजबूती प्रदान करने की हैं।श्री सुमन ने कहा कि आज के दौर में जब पत्रकारिता कॉर्पोरेट की दासी बनकर रह गई है। उनको हम फिर भारत माता की सरताज बनाना चाहते हैं। एक पत्रकार ही हैं जो अपने कर्तव्यों का वहन करते हुए इस राष्ट्र को उन्नत बना सकता हैं। हमें फिर से आज़ादी के दौर वाले भगत सिंह और गांधीजी जैसे पत्रकारों को इस पवित्र धरती पर पैदा करना हैं। आज कीसरकाऱे पत्रकारों कीआज़ादी की पक्षघर नहीं है इसलिए हमें उनसे संघर्ष करके हमारा अधिकार प्राप्त करना पड़ेगा।
पटना : हम अपने कर्तव्यों के प्रति आखिर इतने उदासीन क्यों हैं ? कहीं हम झुठे अहंकार के शिकार तो नही हैं? ये प्रश्न भी वाहे बगाहे मेरे मन में कौंधता है ।
आखिर हम पलासी युध्द के मूकदर्शक छवि की भूमिका में क्यों हैं? हम अपने लोगों की सहायता में योगदान देने से कतराते क्यों हैं ? क्या हमारी दृढ इच्छा शक्ति का क्षरण हो चुका है ? ये बहुत से सवाल हमारे सामने खड़े हैं।हमें हर हाल में इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढ़ने होंगे ।हमें हमारी एक दूसरे को नीचा दिखाने की सोंच से बाहर आना होगा ।
उक्त बातें नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमारगुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि चरित्र रावण का भी थाकि अपने अहंकार में अपने बंधु-बांधवों को बलि बेदी पे चढ़ा कर खुद भी मौत की आगोश में चला गया।चरित्र पांडवों का भी था कि एक दूसरे के प्रति समर्पित रह कर कम संख्या रहते हुए भी विजयी रहा।राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमारगुप्ता ने कहा कि बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है।संगठन ने निर्णय लिया है कि बिहार मेंएक राष्ट्रीय अधिवेशन हो और हम अपनी मांग बिहार सरकार के सामने रखेंगे।
“नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन”पत्रकारों को स्वतंत्रता से कार्य करने का संपुर्ण भरोसा दिलाता है । चाहे आप किसी भी संगठन अथवा गैर संगठनवादी हो, झिझकने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है । आपस्वतंत्र हैं ,यहाँ नि:शुल्क नाम पंजीकृत करवाने के लिए ।क्योंकि हमारा मकसद है एक ही छत्रछाया हो पत्रकारिता जगत की,जिससे कोई बाल बांका ना कर सके ,कोई शोषण ना कर सके , हमारे जांबाज पत्रकार योद्धाओं का। बिहार हो या उत्तर प्रदेश या फिर दिल्ली।हमारासंगठन दिल खोल कर पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने का काम किया है। श्री गुप्ता ने कहा कि हमारे संगठन का उद्देश्य पत्रकारों के हितार्थ-सुरक्षार्थ पत्रकार सुरक्षा कानून बनवाना है। जिससे हमारा पत्रकार परिवार पूर्ण रूप से सुरक्षित रहें एवम् स्वतन्त्र अभिव्यक्ति में किसीप्रकार की बाधा ना आये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रताड़ित पत्रकारों की आवाज हम बुलन्द कर रहे हैंऔर करते रहेंगे। कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री,डीजीपी डीआईजी,आईजी,सांसद तक को संगठन के स्तर से पत्र लिखकर उन्हें न्याय दिलायाजा रहा है। हम लगातारअपने संगठन की ओर से पत्रकारों की आवाज बन कर उभर रहे हैं।मधेपुरा के उदय कुमार,गौरव ठाकुर, खगड़िया के राजेश कुमार सिन्हा, पूर्णिया के मनोज कुमार मिश्रा, कटिहार के भाई संजीव गुप्ता,यूपी के रमेश ठाकुर, रायबरेली के मनीष शुक्ल,मुंगेर के कई मित्रों के साथस्थानीय प्रशासन,दबंगो द्वारा प्रताड़ित किया गया।जिसका हमारी संगठन ने विरोध दर्ज कर धरना प्रदर्शन किया। लगातार अपनी आवाज को बुलंद की और पत्रकार बंधुओं को न्याय दिलाया गया।
नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सुमन ने कहा कि आए दिन पत्रकारों पे अपराधियों के द्वाराहमले हो रहे हैं तो कहीं प्रसाशन के द्वारा पत्रकारों केकलम को रोकने के लिए फर्जी मुकद्दमे किए जा रहें हैं।देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो नेशनल जर्नलिस्ट एसोसियन ने समस्त भारत में अभियान छेड़ा है। आज हम सब इस सच्चाई से भली भांति परिचित हैं कि शासन -प्रशासनमें बैठे लोग पत्रकारों के साथ किस तरह के व्यवहार कर रहे हैं ।अपराधियों के हौसलेइतने बुलंद हो गए हैंकि आए दिन कोई न कोई पत्रकार उनका शिकार हो रहा है। राष्ट्रीय महासचिव श्रीसुमन ने कहा कि देश मे हो रही पत्रकारों की हत्याएं और पत्रकार उत्पीड़न को देखते हुए हमने और हमारे साथियो के साथ इस संगठन की नींव रखी थीं, जिसको पुरे देश से भरपूर समर्थन मिल रहा है। आज एक बड़ी ताकत के रूप में हमारी पहचान बन गई हैं। हमारी लड़ाई सिर्फ पत्रकारों को सुविधा दिलाने के लिए नहीं हैं बल्कि हम पत्रकारों का मनोबल बढाकर उसके सम्मान और सुरक्षा के लिए एक आंदोलन के रूप में खड़े हुए हैं और इनके पीछे हमारी मंशा लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाकर देश को ओर मजबूती प्रदान करने की हैं।श्री सुमन ने कहा कि आज के दौर में जब पत्रकारिता कॉर्पोरेट की दासी बनकर रह गई है। उनको हम फिर भारत माता की सरताज बनाना चाहते हैं। एक पत्रकार ही हैं जो अपने कर्तव्यों का वहन करते हुए इस राष्ट्र को उन्नत बना सकता हैं। हमें फिर से आज़ादी के दौर वाले भगत सिंह और गांधीजी जैसे पत्रकारों को इस पवित्र धरती पर पैदा करना हैं। आज कीसरकाऱे पत्रकारों कीआज़ादी की पक्षघर नहीं है इसलिए हमें उनसे संघर्ष करके हमारा अधिकार प्राप्त करना पड़ेगा।
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