नई दिल्ली। देश को हिंदू राष्ट्र रूप में देखने की चाह आज देश के कई लोगों में है।
लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। वहीं दूसरी तरफ, भले ही पूरे देश को हिंदू राष्ट्र बनाना आसान न हो लेकिन एक गांव को हिंदू गांव जरूर बनाया जा सकता है। जी हां, ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश के एक गांव में हुआ है।
लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। वहीं दूसरी तरफ, भले ही पूरे देश को हिंदू राष्ट्र बनाना आसान न हो लेकिन एक गांव को हिंदू गांव जरूर बनाया जा सकता है। जी हां, ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश के एक गांव में हुआ है।
आंध्र प्रदेश में एक गांव को हिंदू गांव घोषित कर दिया गया है। यही नहीं, बकायदा यहां पर अन्य धर्म के लोगों की एंट्री को भी बैन कर दिया गया है। बैन की चेतावनी, गांव के बाहर एक बोर्ड लगाकर लिखी गई है।
मामला आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के मईदुकर मंडल के गांव केसालिंगायापल्ली का है। इस गांव में 250 परिवार रहते हैं, जो सभी हिंदू हैं। यही वजह है कि गांव के लोगों ने सभी की सहमति से इस गांव को हिंदू गांव घोषित कर दिया गया है और गांव को जाने वाली सड़क के दोनों ओर भगवा झंडे लगा दिए हैं।
वहीं गांव के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है। इस पर लिखा है कि इस गांव में सभी लोग हिंदू हैं, इसलिए दूसरे धर्मों के लोग यहां अपने धर्म का प्रचार नहीं कर सकते हैं। यदि कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। इस बोर्ड के नीचे यह भी लिखा है कि अगर आप अपना धर्म बदलते हो, तो यह अपनी मां बदलने के जैसा है।
आपको बता दें कि इस गांव में दूसरे धर्मों के लोगों के प्रवेश पर पाबंदी दो साल पहले ही यानि कि 2016 में लगायी गई थी, लेकिन इस पर लोगों का ध्यान अब गया है। गांव के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से ईसाई हमारे गांवों में आते हैं और हमारे लोगों को पैसे और दवाई का लालच देकर उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं। जबकि हम हिंदू ऐसा कभी नहीं करते।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, वो लोग हमारे लोगों का ब्रेनवॉश करते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए हमने फैसला किया कि इसपर रोक लगाने के लिए दूसरे धर्म के लोगों की गांव की एंट्री पर बैन करने का फैसला किया। गांव के लोगों ने सफाई देते हुए कहा कि दूसरे धर्म के लोग गांव आ सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने धर्म का प्रचार करने की अनुमति नहीं है।
गांव के लोगों का कहना है कि यह कदम उन्होंने आरएसएस, बजरंग दल और विहिप के लोगों के कहने पर नहीं उठाया है, बल्कि यह उनका खुद का फैसला है।
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