नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने ट्रिपल तालाक अध्यादेश को अत्याचारी कानून बताया है।
उन्होंने कहा कि अत्याचारी कानून होने की वजह से यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा, यह अध्यादेश सिर्फ पति और पत्नी को अलग करता है, इसके अलावा कुछ भी नहीं है. हम इसे पूरी तरह अस्वीकार करते हैं क्योंकि यह एक अत्याचारी कानून है।
उन्होंने कर्नाटक चुनाव में इस्लाम के नाम पर वोट मांगने की बात को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा, ‘मैने विशेष रुप से मुसलमानों के लिए कोई सार्वजनिक बैठक नहीं की थी, यह सिर्फ एक जनसभा थी. मैं चुनौती देता हूं कि अगर चुनाव आयोग से मिलने वाले किसी भी व्यक्ति के पास इस्लाम के नाम पर वोट मांगने का मेरा वीडियो या ऑडियो है तो मैं संसद के सदस्य और विपक्ष के नेता के रुप में इस्तीफा दे दूंगा.
उन्होंने कर्नाटक चुनाव में इस्लाम के नाम पर वोट मांगने की बात को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा, ‘मैने विशेष रुप से मुसलमानों के लिए कोई सार्वजनिक बैठक नहीं की थी, यह सिर्फ एक जनसभा थी. मैं चुनौती देता हूं कि अगर चुनाव आयोग से मिलने वाले किसी भी व्यक्ति के पास इस्लाम के नाम पर वोट मांगने का मेरा वीडियो या ऑडियो है तो मैं संसद के सदस्य और विपक्ष के नेता के रुप में इस्तीफा दे दूंगा.
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