गौरव बंटी : (न्यूज़ डेस्क) : बैैैजनाथपुुुर :मनोहर उच्च विद्यालय में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती बड़े धुमधाम से मनाई गई।
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➡️➡️https://youtu.be/Y4iVrrVM96c
विभिन्न विधालयों में भी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। साहेब डॉ अम्बेडकर की 127 वीं जयंती मनाई गयी। वही इस दौरान उनकी तस्वीर पर सभी ग्रामीणों ने पुष्पांजलि अर्पित की ।
वही इस दौरान उमेश यादव ने बाबा साहेब के जीवनी पर प्रकाश डालते हूये कहा कि वे एक युग पुरूष थे। जिनके व्यक्तित्व ने न सिर्फ देश को नई दिशा दी बल्कि देश की विचारधारा ही परिवर्तित कर दी। आज सशक्त और आर्थिक रूप से शक्तिशाली भारत की जो छवि पूरी दुनिया में उभरी है, उसके पीछे इस महापुरुष की विचारधारा और सोच अत्यंत महत्वपूर्ण रही है ।
वही कहा कि 18 ऐसे विचार जो बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को “इतिहास पुरुष” साबित करते हैं । आज 14 अप्रैल है, और यह भारत के इतिहास का वह ऐतिहासिक दिन है जब सन् 1891 में भीमराव अंबेडकर का जन्म मऊ, मध्य प्रदेश में हुआ था। “बाबा साहेब” के नाम से बाद में प्रचलित हुए इस शख़्स के बारे में आज कुछ भी कहना और लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है मगर सब कुछ हमेशा से ऐसा ही नहीं था। बाबा साहेब को पूरा देश जिस एक चीज़ के लिए जानता है वो यह है कि वे भारत राष्ट्र के संविधान निर्माता थे और इसी परिप्रेक्ष्य में उनकी दूरदृष्टि और व्यापकता को नज़र अंदाज किया जाता है । वही बैठक की अध्यक्षता कर रहें मनोहर उच्च विद्यालय बैजनाथपुर के प्रधानाचार्य विनय कुमार पासवान ने कहा कि बाबा साहेब का जन्म हिन्दू धर्म की महार जाति में हुआ था, जिसे तब के समाज में अछूत का दर्जा दिया गया था मगर आज आज़ादी के 69 वर्षों के बाद भी स्थितियाँ बिलकुल से बदल गई हों ऐसा कतई नहीं है। आज भी हमारे समाज में धार्मिक और जातिगत गैर बराबरी बदस्तूर जारी है और इसी गैर बराबरी को हटाने के लिए बाबा साहेब अपनी अंतिम सांस तक अनवरत लड़ते रहे और उनका ये संदेश आज़ादी के दौरान जितना प्रासंगिक लगता था, आज उससे कहीं ज्यादा प्रासंगिक प्रतीत होता है ।
वही इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में हरिश्चंद्र मंडल,मनोज यादव,रिटायर्ड शिक्षक मधुसूदन मंडल,कमलेश्वरी बाबू,पंकज यादव(मुखिया),शिवनंदन बाबू, अरुण यादव(सरपंच),अवधेष यादव,रमेश शर्मा, डॉक्टर के• डी• शर्मा, मो• भुट्टो,रंजीत साह,पत्रकार मुन्ना यादव,पत्रकार ललन भारती, जयराम,मनीष,अर्जुन,शत्रुघ्न यादव, भार्गव यादव,मुकेश स्वर्णकार, मुन्ना,बेचन यादव,विवेकानंद यादव,रौशन यादव,विवेक पोद्दार, संतोष यादव, राजेश राम,राम मल्लिक,संजय मल्लिक,प्रशांत यादव,तथा विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका और छात्रों शिक्षिका राखी, सिमा झा, छात्रों शुषमा,साक्षी नैना,कोमल संगम,बाबुल,आंनद, रूपेश
आदि लोग मौजूद रहें ।
आपकी आवाज , आपकी ताकत।
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विभिन्न विधालयों में भी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। साहेब डॉ अम्बेडकर की 127 वीं जयंती मनाई गयी। वही इस दौरान उनकी तस्वीर पर सभी ग्रामीणों ने पुष्पांजलि अर्पित की ।
वही इस दौरान उमेश यादव ने बाबा साहेब के जीवनी पर प्रकाश डालते हूये कहा कि वे एक युग पुरूष थे। जिनके व्यक्तित्व ने न सिर्फ देश को नई दिशा दी बल्कि देश की विचारधारा ही परिवर्तित कर दी। आज सशक्त और आर्थिक रूप से शक्तिशाली भारत की जो छवि पूरी दुनिया में उभरी है, उसके पीछे इस महापुरुष की विचारधारा और सोच अत्यंत महत्वपूर्ण रही है ।
वही कहा कि 18 ऐसे विचार जो बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को “इतिहास पुरुष” साबित करते हैं । आज 14 अप्रैल है, और यह भारत के इतिहास का वह ऐतिहासिक दिन है जब सन् 1891 में भीमराव अंबेडकर का जन्म मऊ, मध्य प्रदेश में हुआ था। “बाबा साहेब” के नाम से बाद में प्रचलित हुए इस शख़्स के बारे में आज कुछ भी कहना और लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है मगर सब कुछ हमेशा से ऐसा ही नहीं था। बाबा साहेब को पूरा देश जिस एक चीज़ के लिए जानता है वो यह है कि वे भारत राष्ट्र के संविधान निर्माता थे और इसी परिप्रेक्ष्य में उनकी दूरदृष्टि और व्यापकता को नज़र अंदाज किया जाता है । वही बैठक की अध्यक्षता कर रहें मनोहर उच्च विद्यालय बैजनाथपुर के प्रधानाचार्य विनय कुमार पासवान ने कहा कि बाबा साहेब का जन्म हिन्दू धर्म की महार जाति में हुआ था, जिसे तब के समाज में अछूत का दर्जा दिया गया था मगर आज आज़ादी के 69 वर्षों के बाद भी स्थितियाँ बिलकुल से बदल गई हों ऐसा कतई नहीं है। आज भी हमारे समाज में धार्मिक और जातिगत गैर बराबरी बदस्तूर जारी है और इसी गैर बराबरी को हटाने के लिए बाबा साहेब अपनी अंतिम सांस तक अनवरत लड़ते रहे और उनका ये संदेश आज़ादी के दौरान जितना प्रासंगिक लगता था, आज उससे कहीं ज्यादा प्रासंगिक प्रतीत होता है ।
वही इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में हरिश्चंद्र मंडल,मनोज यादव,रिटायर्ड शिक्षक मधुसूदन मंडल,कमलेश्वरी बाबू,पंकज यादव(मुखिया),शिवनंदन बाबू, अरुण यादव(सरपंच),अवधेष यादव,रमेश शर्मा, डॉक्टर के• डी• शर्मा, मो• भुट्टो,रंजीत साह,पत्रकार मुन्ना यादव,पत्रकार ललन भारती, जयराम,मनीष,अर्जुन,शत्रुघ्न यादव, भार्गव यादव,मुकेश स्वर्णकार, मुन्ना,बेचन यादव,विवेकानंद यादव,रौशन यादव,विवेक पोद्दार, संतोष यादव, राजेश राम,राम मल्लिक,संजय मल्लिक,प्रशांत यादव,तथा विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका और छात्रों शिक्षिका राखी, सिमा झा, छात्रों शुषमा,साक्षी नैना,कोमल संगम,बाबुल,आंनद, रूपेश
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