नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर दलित विरोधी होने का तमगा खुद उनकी ही पार्टी के सदस्य लगा रहे हैं.
एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार पर लगातार कांग्रेस की ओर से दलित विरोधी होने के आरोप लग रहे हैं, और इसी संदर्भ में लगातार बीजेपी के भी दलित सांसद पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. बीजेपी के ही कुछ सांसद केंद्र सरकार पर दलितों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि जिन नेताओं ने अभी तक चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है, वे सभी पहले दूसरी पार्टियों में थे, और ये सभी 2014 या उसके कुछ समय पहले ही बीजेपी का दामन थामा था.
देश में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर आरक्षण मुक्त भारत संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को सचिवालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने तहसीलदार दर्शन ¨सह के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
प्रदर्शन कर रहे आशु कुमार, यशपाल शर्मा, नंदू राणा, साहिल, गौरव साहनी ने कहा कि आरक्षण के कारण देश का बंटवारा हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में जो संशोधन किया है, जनरल ओबीसी समाज उसका पूरी तरह से समर्थन करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इसी तरह आरक्षण को भी समाप्त किया जाए।
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