जम्मू कश्मीर : घटना ने भारत भर को हिला दिया। शुरू में लगा कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषी को सब मिल कर न्यायिक रूप से सजा दिलायेगे।
लेकिन अचानक ही इस पूरे मामले में कुछ और दिखाई देने लगा जब हंगामे की धुंध छंट गयी . इस पूरे मामले में एक मासूम के साथ हुए नृशंस बलात्कार को बना दिया गया एक वर्ग के खिलाफ धारदार हथियार और हमला कर दिया गया शासकीय रूप से गिन गिन कर उन लोगों के खिलाफ जो अपने इलाके में न्याय और नीति की आवाज उठाया करते थे .
लेकिन अचानक ही इस पूरे मामले में कुछ और दिखाई देने लगा जब हंगामे की धुंध छंट गयी . इस पूरे मामले में एक मासूम के साथ हुए नृशंस बलात्कार को बना दिया गया एक वर्ग के खिलाफ धारदार हथियार और हमला कर दिया गया शासकीय रूप से गिन गिन कर उन लोगों के खिलाफ जो अपने इलाके में न्याय और नीति की आवाज उठाया करते थे .
यकीनन ये सारा मामला उस समय अपने असल पथ से भटक गया जब इसको हिन्दुओ के खिलाफ एक साजिश का रूप दिया जाने लगा और चुन चुन कर इस मामले में उन्हें फंसाया जाने लगा जो क्षेत्रीय एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करते आ रहे थे . निशाने पर आये वकील , समाजसेवी , पुलिस वाले और हिन्दू संगठन चलाने वाले . फिर चालू हुआ अंतहीन प्रताड़ना का दौर इन सबके खिलाफ उस राज्य में जिसमे आधे की साझीदार हिन्दुओ की आवाज कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी जिसे बड़ी मेहनत से जम्मू के हिन्दुओ ने इतना वोट दिलाया जा जिस से वो सत्ता में साझीदार हो सके .
फिर धीरे धीरे ये मामला बन गया हिन्दुओ को प्रताड़ित करने का हथियार . कई बुद्धिजीवी इस मामले में आसिफा नाम की बच्ची को इंसाफ दिलाने की कोशिश के बजाय रोहिंग्या को बसाने का सही समय और रोहिंग्या विरोधियो को कानूनी रूप से दबा देने का हथकंडा बना डाला जिस पर जम्मू का हिन्दू अपनी सहनशीलता को त्याग कर आक्रामकता पर आ गया . ये वही हिन्दू समाज था जिसने अपने खुद के पौरुष पर कभी महादेव की अमरनाथ यात्रा बचाई थी वरना आज वो तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की बलि चढ़ कर खत्म हो चुकी होती . जब बात अस्तित्व की आई हो हिन्दू समाज ने प्रतिकार किया .. आसिफा को न्याय दिलाने की मांग हिन्दू समाज ही कर रहा है लेकिन हिन्दुओ को एकतरफा शिकार बनाने की साजिश ने उसके धैर्य के बाँध को तोड़ डाला और इसमें शामिल हो गया समाज का हर वर्ग .
अभी तक केंद्र सरकार ने इस बेहद संवेदनशील हो चुके मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है जो यकीनन आने वाले चुनावों में उसके खिलाफ एक बड़ा धक्का साबित हो.. आसिफा को भुला कर सीधे हिन्दू समाज पर आक्रामक होना अब कश्मीर की वर्तमान सरकार के लिए भी भारी पड़ रहा है क्योकि इसी साजिश ने वहां के हिन्दुओ को एक सूत्र में पिरो दिया है और इतना बिना किसी संकोच के कहा जा सकता है कि वर्तमान में बिगड़े हालातों के लिए राज्य सरकार की एकपक्षीय कार्यवाही और हिन्दुओ पर एकतरफा अत्याचार जिम्मेदार है जो जल्द न सुधरे तो यकीनन हालात और भी बुरे होंगे .
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