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शनिवार, 21 अप्रैल 2018

बड़ी खबर : दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शामिल हुआ भारत।

नमस्कार दोस्तों ! TODAY JAGRAN न्यूज़ में आपका स्वागत है।
 दोस्तों हाल ही में भारत को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की सदस्यता मिल गयी है. आपको बता दें कि यह ग्रुप केमिकल और बायलॉजिकल एजेंट्स के निर्यात पर अपने नियंत्रण के जरिए सुनिश्चित करता है कि इससे रासायनिक या जैविक हथियार न बन सके।

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के लिए पिछले काफी वक़्त से कोशिश में लगे भारत के लिए ये बड़ी सफलता के रूप में देखी जा रही है. इस उपलब्धि से अप्रसार में भारत की दुनिया में हैसियत बढ़ेगी ओर साथ ही न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में सदस्यता के लिए भी भारत की दावेदारी और भी ज्यादा मजबूत होगी, जिसमें चीन पिछले काफी वक़्त से अड़ंगा लगा रहा है।अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के साथ भारत भी सीना तान के खड़ा होगा अब
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप एक अनौपचारिक संगठन है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश पहले से शामिल हैं. पीएम मोदी की दोस्ती के चलते अमेरिका और फ्रांस काफी वक़्त से भारत को इस ग्रुप का मेंबर बनाने की वकालत करते आये है. और अब भारत को इस ग्रुप की सदस्यता मिल गयी है.
दरअसल भारत सैन्य इस्तेमाल के लिए सबसे ज्यादा केमिकल सबंधी सामानों का ही आयात करता है, मगर ये कोई खतरे की बात नहीं क्योंकि भारत में इस पर नजर रखने की काफी अच्छी व्यवस्था है. अब ग्रुप में सदस्यता मिलने से भारत को केमिकल और बायलॉजिकल एजेंट्स के वैश्विक कारोबार में दखल का मौका मिलेगा. इस उपलब्धि के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जेगलर ने शुक्रवार को भारत को बधाई दी और इसे नरेंद्र मोदी की कूटनीति की जीत बताया. यहाँ एक बात आपको और बता दें कि पिछले ही साल दिसंबर में पीएम मोदी के प्रयासों से भारत वासेनार अरेंजमेंट का मेंबर बना था.
भारत बनता जा रहा वैश्विक महाशक्ति
इस अरेंजमेंट का मकसद पारंपरिक हथियारों के साथ उन वस्तुओं और तकनीकों के प्रसार में पारदर्शिता और जिम्मेदारी लाना है, जिनका सैन्य इस्तेमाल हो सकता है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के ही कारण 2016 के जून में भारत मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) का मेंबर भी बना था, जो मिसाइल, यूएवी और संबंधित तकनीक के प्रसार पर नजर रखता है. इसका मेंबर बनने से भारत को उच्च मिसाइल तकनीक हासिल करने का रास्ता साफ हुआ था. जानकारों के मुताबिक़ अब वो दिन दूर नहीं जब भारत एनएसजी का सदस्य भी बनने जा रहा है.

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