प्रकाशक आईडी pub-7875436607466581 ग्राहक आईडी 5956979583 समय क्षेत्र (UTC+05:30) कोलकाता संपादित करें सक्रिय उत्पाद सामग्री TodayJagran(टुडे जागरण): अभी-अभी : मुख्यमंत्री पद से हटाए जा सकते है नीतीश कुमार, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई।
Powered By Blogger
Powered By Blogger
Powered By Blogger

रविवार, 11 फ़रवरी 2018

अभी-अभी : मुख्यमंत्री पद से हटाए जा सकते है नीतीश कुमार, सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई।

रोहित झा : (संवाददाता) : पटना : सीएम नीतीश कुमार को सीएम पद से हटाया जा सकता है। इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है। सुनवाई के बाद तय होगा कि उनको अयोग्य घोषित किया जाय या नहीं।

बिहार सीएम नीतीश कुमार को पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं, इसे खारिज किया जाए। याचिका तुच्छ है और गलत तथ्यों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी गुमराह करने वाली है और ये अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है। नीतीश कुमार ने 2012 और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। इसी तरह उन्होंने 2013 में भी बिहार विधान परिषद एमएलसी का चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पता नहीं याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने कहां से नीतीश कुमार के चुनावी हलफनामे हासिल किए। इस मामले से याचिकाकर्ता के कोई मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है और जनहित याचिका दाखिल नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका या शिकायत पुलिस को देनी चाहिए थी। ये याचिका खारिज की जाए और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाया जा। इससे पहले नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा था। वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा कि 2004 से 2015 के दौरान नीतीश कुमार ने हलफ़नामे में ये खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।

याचिका में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीतीश ने 2004 और 2015 के बीच अपने हलफनामों में उनके पर हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का खुलासा नहीं किया है। याचिका के अनुसार नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: