राजस्थान : उपचुनावों में मिली करारी हार के बाद भाजपा में अनुशासन तार-तार होता दिखाई दे रहा है। राजस्थान भाजपा में इन दिनों घमासान मचा हुआ। विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा विधायक और मंत्री एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। वायरल होते आॅडियो और वीडियो के साथ मंत्री-विधायक एक-दूसरे को मेंटल कहने से भी पीछे नहीं हट रहे है। अब नया मामला उदयपुरवाटी से भाजपा विधायक शुभकरण चौधरी का है। उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार के गृह मंत्री को घेरने का प्रयास किया और आरोप लगाए।
इस दौरान उनकी गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया से जमकर बहस हुई। इस दौरान गृहमंत्री ने विधायक से कहा कि आप भी कोई दूध के धुले नहीं हो और मैं किसी के गले में घंटी नहीं बांध सकता। कटारिया ने कहा कि किसी के दबाव के कारण किसी को मुलजिम नहीं बनाया जा सकता।
दरअसल उदयपुरवाटी से भाजपा विधायक ने गबन से जुड़े मुकदमों कई मुकदमों में सही ढंग से अनुसंधान नहीं होने का आरोप लगाया।
गृहमंत्री के बयान पर भड़के विधायक ने कहा कि आप अपनी जुबां ठीक करें। मैं कोई चोर-उचक्का नहीं हूं। उन्होंने गृहमंत्री से कहा कि जिन लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है वे अपराधी है। यदि वे अपराधी नहीं है तो मैं कल ही इस्तीफा देकर चला जाउंगा। इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष ने विधायक से समझाइश का प्रयास कर उन्हें शांत किया।
गौरतलब है राजस्थान विधानसभा में कुछ दिन पूर्व भाजपा के दो और विधायकों ने कानून-व्यवस्था और पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार को लेकर गृहमंत्री को घेरा था। जिसमें भाजपा का राजपूत चेहरा माने जाने वाले विधायक बाबूसिंह राठौड़ भी सम्मलित थे। राठौड़ ने सामराउ में बीते दिनों हुई हिंसा में कार्रवाई को लेकर गृहमंत्री से सवाल किए थे। जिसके बाद गृहमंत्री से उनकी बहस भी हुई थी। वहीं उनसे पूर्व रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अलवर एसपी की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए थे।
भाजपा के विधायकों और मंत्रियों की रार प्रतिदिन सामने आ रही है। वहीं दूसरी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ऐसे विधायकों के खिलाफ अनुशासत्मक कार्यवाही की बात कर रहें है। लेकिन उनकी इस बात का असर कम ही होता दिख रहा है। हालांकि रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा के वायरल आॅडियो ने राजस्थान भाजपा को खासा परेशानी में डाल दिया है। अब उनके खिलाफ पार्टी निलंबन की कार्रवाई पर विचार कर रही है।
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