लाहौर। पाकिस्तान सरकार की ओर से हाफिज सईद द्वारा चलाए जाने वाले मदरसों और स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ कार्रवाई के बाद मुंबई हमले के मास्टर माइंड का कहना है कि वह सरकार की इस ‘‘अवैध’’ कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगा। प्रतिबंधित समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के दबाव के बीच पाकिस्तान ने सईद से जुड़े जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन द्वारा चलाए जाने वाले एक मदरसे तथा चार डिस्पेंसरी पर नियंत्रण कर लिया।
सरकार की कार्रवाई के बाद सईद ने कहा कि बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद, सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, एम्बुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है। इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, आजाद कश्मीर और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा।
पीटीआई को प्राप्त, गृह मंत्रालय की अधिसूचना की प्रति के अनुसार 2018 की अधिसूचना संख्या-2 के तहत संघीय सरकार जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से जुड़ी (चल, अचल और मानव संसाधन) संपत्तियों को जब्त करने और नियंत्रण में लेने का निर्देश देती है। यह अधिसूचना 10 फरवरी को जारी की गई है।
अपने कार्यकर्ताओं के नाम संदेश में सईद ने सभी से शांति बनाये रखने और सरकार की कार्रवाईयों के खिलाफ कोई हिंसा नहीं करने की अपील की है। सईद ने कहा कि यह सबसे मुश्किल वक्त है, लेकिन कार्यकर्ता शांति बनाए रखें। शासक राजाओं से ज्यादा वफादारों के रूप में काम कर रहे हैं।
भारत कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने पर कभी विचार नहीं करता, लेकिन हमारे शासकों ने जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे देशभक्त संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति की ओर से आदेश पारित करवाया है। जमात-उद-दावा प्रमुख का कहना है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका और भारत को खुश करने के लिए हमारे खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। सईद का कहना है, इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ हम अदालत में अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें