मधुबनी : अब पुलिस पदाधिकारी जब भी दागियों की जांच हेतु दागियों के घर जाएगी तो साक्ष्य के तौर पर ‘सेल्फी’ लेगी।
इसके बाद ‘सेल्फी’ को मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड कर देगी। ताकि वरीय पदाधिकारियों को बतौर साक्ष्य अवगत कराया जा सके कि वे दागियों की टेबुल जांच नहीं की है, बल्कि उसके घर पर जाकर सत्यापन किया है। अगर जांच के क्रम में दागी घर पर मिल जाते हैं तो पुलिस पदाधिकारी दागी संग ‘सेल्फी’ लेकर मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करेगी। अगर जांच के क्रम में दागी घर पर नहीं मिलेगें तो पुलिस दागी के घर के साथ ‘सेल्फी’ लेकर मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करेगी। गौरतलब है कि दागियों की जांच के दौरान ‘सेल्फी’ लेने का निर्देश दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराद ने दी है। इसी निर्देश के आलोक में अब पुलिस दागियों की जांच के दौरान साक्ष्य के तौर पर ‘सेल्फी’ लिया करेगी। दागियों की दो तरह से जांच की जाएगी। गुप्त जांच एवं प्रत्यक्ष जांच की जाएगी। गुप्त जांच के तहत दागियों की गतिविधियों के संबंध में आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी प्राप्त की जाएगी। इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि आजीविका के लिए क्या कर रहा है? कहीं बिना कोई काम-धंधा एवं रोजगार के ही दागियों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि तो नहीं हो रही है? बिना प्रत्यक्ष आमदनी के किमती भवन तो नहीं निर्माण कराया है या करा रहा है? जमीन-जायदाद तो नहीं आमदनी के श्रोत से अधिक का खरीदा है? यहां उल्लेखनीय है कि मधुबनी नगर थाना क्षेत्र में फिलहाल दागियों की कुल संख्या-22 है। जबकि नगर थाना के गुंडा पंजी में 15 अपराधियों का नाम दर्ज है। इधर पुलिस इंस्पेक्टर सह नगर थानाध्यक्ष अरूण कुमार राय ने बताया कि नगर थाना के पुलिस पदाधिकारियों के बीच विधि-व्यवस्था संधारण हेतु शहरी वार्ड एवं ग्रामीण क्षेत्रों का पंचायत आवंटित किया गया है। संबंधित पंचायत एवं शहरी वार्ड की दागियों की जांच में संबंधित पुलिस पदाधिकारी जब भी जाएंगे तो उन्हें साक्ष्य के तौर पर दागी संग ‘सेल्फी’ या फिर दागी के घर के साथ ‘सेल्फी’ लेना होगा। ताकि यह साबित हो सके कि वे दागी के घर पर जाकर जांच व सत्यापन कार्य किया है। इस ‘सेल्फी’ को मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड भी करना होगा।
इसके बाद ‘सेल्फी’ को मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड कर देगी। ताकि वरीय पदाधिकारियों को बतौर साक्ष्य अवगत कराया जा सके कि वे दागियों की टेबुल जांच नहीं की है, बल्कि उसके घर पर जाकर सत्यापन किया है। अगर जांच के क्रम में दागी घर पर मिल जाते हैं तो पुलिस पदाधिकारी दागी संग ‘सेल्फी’ लेकर मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करेगी। अगर जांच के क्रम में दागी घर पर नहीं मिलेगें तो पुलिस दागी के घर के साथ ‘सेल्फी’ लेकर मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करेगी। गौरतलब है कि दागियों की जांच के दौरान ‘सेल्फी’ लेने का निर्देश दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराद ने दी है। इसी निर्देश के आलोक में अब पुलिस दागियों की जांच के दौरान साक्ष्य के तौर पर ‘सेल्फी’ लिया करेगी। दागियों की दो तरह से जांच की जाएगी। गुप्त जांच एवं प्रत्यक्ष जांच की जाएगी। गुप्त जांच के तहत दागियों की गतिविधियों के संबंध में आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी प्राप्त की जाएगी। इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि आजीविका के लिए क्या कर रहा है? कहीं बिना कोई काम-धंधा एवं रोजगार के ही दागियों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि तो नहीं हो रही है? बिना प्रत्यक्ष आमदनी के किमती भवन तो नहीं निर्माण कराया है या करा रहा है? जमीन-जायदाद तो नहीं आमदनी के श्रोत से अधिक का खरीदा है? यहां उल्लेखनीय है कि मधुबनी नगर थाना क्षेत्र में फिलहाल दागियों की कुल संख्या-22 है। जबकि नगर थाना के गुंडा पंजी में 15 अपराधियों का नाम दर्ज है। इधर पुलिस इंस्पेक्टर सह नगर थानाध्यक्ष अरूण कुमार राय ने बताया कि नगर थाना के पुलिस पदाधिकारियों के बीच विधि-व्यवस्था संधारण हेतु शहरी वार्ड एवं ग्रामीण क्षेत्रों का पंचायत आवंटित किया गया है। संबंधित पंचायत एवं शहरी वार्ड की दागियों की जांच में संबंधित पुलिस पदाधिकारी जब भी जाएंगे तो उन्हें साक्ष्य के तौर पर दागी संग ‘सेल्फी’ या फिर दागी के घर के साथ ‘सेल्फी’ लेना होगा। ताकि यह साबित हो सके कि वे दागी के घर पर जाकर जांच व सत्यापन कार्य किया है। इस ‘सेल्फी’ को मधुबनी पुलिस वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड भी करना होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें