प्रकाशक आईडी pub-7875436607466581 ग्राहक आईडी 5956979583 समय क्षेत्र (UTC+05:30) कोलकाता संपादित करें सक्रिय उत्पाद सामग्री TodayJagran(टुडे जागरण): अप्रैल 2018
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शनिवार, 21 अप्रैल 2018

ट्रंप ने कर दी तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत, इस देश पर एक के बाद एक दागी 110 मिसाइलें..भारी तबाही

New Delhi: सीरिया में रसायनिक हमले के बाद सीरिया पर शुक्रवार शाम को अमेरिका और उनके सहयोगी देश फ्रांस और ब्रिटेन ने हमला कर दुनिया में नया तनाव पैदा कर तीसरे विश्वयुद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
पिछले सप्ताह 7 अप्रैल को हुए केमिकल अटैक के बाद अमेरिका ने दूसरी बार तीन अलग जगहों पर मिलिट्री बेस को निशाना बनाया। एक तरफ रूस के साथ पहले से ही अमेरिका का 36 का आंकड़ा चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ रूस पूरी तरह सीरिया के समर्थन में है। ऐसे में विश्व की दो महाशक्तियों के बीच तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।इस बीच सीरियाई मिलिट्री ने दावा किया है दमिश्क और और उसके पास अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अपने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान दौरान सीरिया पर कुल 110 मिसाइलें दागी। हालांकि, अभी तक इसमें किसी की भी हताहत की कोई खबर नहीं है। सीरिया में 2011 से चल रहे गृह युद्ध में अमेरिका और उनके सहयोगी देशों द्वारा किया गया यह अब तक का सबसे अटैक है।इस हमले के बाद सीरियाई ब्रिगेडियर जनरल अली मेहौब ने अपने बयान में कहा कि यूएस ब्रिटेन और फ्रांस ने हमारे ऊपर अटैक किया,
जिसमें से ज्यादातर मिसाइलों को हमने नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, 'उनमें से एक मिसाइल दमिश्क के निकट बारजहा में साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर अटैक किया, जिससे बिल्डिंग बिखर गई। होम्स में एक मिसाइल ने तीन लोगों को घायल कर दिया।' मेहौब का कहना है कि सीरियाई क्षेत्र से 'सशस्त्र आतंकवादियों' को खत्म करने के लिए सीरिया के सैन्य युद्धों से हमले नहीं रोकेंगे।बता दें कि ट्रम्प ने इस फैसले के बारे में संयुक्त राष्ट्र को भी जानकारी नहीं दी है। हालांकि, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के इस साझा हमले का नाटो (NATO) ने समर्थन करते हुए कहा है कि इससे सीरिया में रूस के केमिकल अटैक को रोकने में मदद मिलेगी। नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा कि केमिकल अटैक पूरे दुनिया के लिए शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है इसलिए उसे रोकना जरूर ही। अटैक के बाद शनिवार सुबह सीरिया की सड़कों पर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और जश्न विक्ट्री का साइन का दिखाते हुए जश्न मना रहे थे।
कई लोग सीरिया का झंडा लहरा रहे थे, वहीं कई लोग रूस और ईरान के झंडे लेकर सड़कों पर उतरे थे। लोग नारा लगाते हुए कह रहे थे - 'बशर हम तुम्हारे लोग है।'

चीन से भी आगे निकला ये देश मुस्लिमों पर पाबंदी में.. फरमान- "व्हाट्सएप्प पर पढो नमाज, लाउडस्पीकर बजाया तो खैर नहीं"

न्यूज़ डेस्क : याद करो जब सोनू निगम ने कहा था कि लाउडस्पीकर पर अजान से ध्वनि प्रदूषण होता है तो देश में कैसा भूचाल आ गया था।

सोनू निगम के खिलाफ फतवे तक जारी हो गये थे, देशभर में सोनू निगम के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. हालाँकि दुनिया में चीन एक ऐसा मुल्क है जो इस्लामिक रीति-रिवाजों पर कई प्रतिबन्ध लगा चुका है, और आश्चर्य इस बात का है कि चीन के खिलाफ कोई मौलाना हो या मौलवी आवाज तक नहीं उठाते. और अब दुनिया का एक मुल्क ऐसा भी है जो मुस्लिमों पर पाबंदी में चीन से भी आगे निकल गया है.
खबर के मुताबिक़ अफ्रीकी देश घाना में लाउडस्पीकर पर अजान पढ़ने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. घाना की सरकार का कहना है कि अजान के लिए लाउडस्पीकर स्पीकर का प्रयोग न किया जाये क्योंकि इससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है. घाना सरकार का कहना है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर की जगह वॉट्सऐप का इस्तेमाल किया जाए, ताकि ध्वनि प्रदूषण से बचा जा सके. घाना की सरकार के अनुसार घाना में मस्जिदों और चर्च से के लाउडस्पीकरों से आती आवाज से ध्वनि प्रदूषण में और इजाफा दर्ज किया गया है जिस पर रोक लगाना जरूरी है.
घाना के पर्यावरण मंत्री क्वाबेना फ्रिम्पोंग-बोटेंग ने कहा- "नमाज के लिए टेक्स्ट मैसेज या वॉट्सऐप के जरिये क्यों नहीं बुलाया जा सकता है? इसलिए मस्जिद के इमाम को बोला गया है कि वह नमाज के लिए सभी को वॉट्सऐप मैसेज भेजेगा तथा लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करेगा." मंत्री ने आगे कहा- "मुझे लगता है कि इससे ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी. यह विवादास्पद हो सकता है लेकिन घाना के पर्यावरण के लिए ये काफी जरूरी है क्योंकि ध्वनि प्रदूषण के कारण हृदय रोग, नींद की बीमारी समेत कई छोटी और बड़ी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है तथा अजान के लाउडस्पीकर से भी काफी ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है।

भारत ने बनाया दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार - दुनिया की महाशक्ति हुई परेशान !

न्यूज़ डेस्क : भारत निश्चित तौर पर एक उभरती महाशक्ति है। जब भारत आजाद हुआ था तब अंग्रेजों ने कहा था कि भारत अपने दम पर कुछ भी नहीं कर पाएगा उसे एक सुई के निर्माण के लिए भी ब्रिटेन के पास आना पड़ेगा।
आज भारत एक उभरती महाशक्ति है जो निकट भविष्य में अपने मुकाम पर पहुंच जाएगी। रक्षा तंत्र में हमारी भी एक पहचान है। अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजने से लेकर व्यापार करने तक के लिए दुनिया के लोगों में भारत पहली पसंद है। हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था यूनाइटेड किंगडम से भी अधिक हो गई थी। भारत ने मिसाइल बनाने में भी खुद को साबित कर दिया है। अब भारत भविष्य के एक ऐसे हथियार पर काम कर रहा है जो भारत की तकनीक और शक्ति को कई गुना बढ़ा देगी। इस बात को लेकर कई महाशक्ति चिंतित भी हैं क्योंकि भारत एक प्रबल दावेदार बन गया है।


काली - यह अपने नाम की तरह ही दुश्मनों का काल है। यह भारत का एक गुप्त हथियार है। इसके विषय में लोकसभा में जानकारी मांगे जाने पर रक्षा मंत्री ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्त जानकारी का हवाला देकर अधिक बातें बताने सेे साफ इनकार कर दिया था। यह दुनिया में अपनी तरह का एकलौता हथियार है। यह हथियार भविष्य की लेजर तकनीक है। आप कल्पना कर सकते हैं , एक ऐसे हथियार की जो दुश्मन को तबाह कर के वापस आ जाए। काली एक ऐसा ही हथियार है जिससे पाकिस्तान भयभीत है।
जब 5 अप्रैल 2012 में पाकिस्तान के कब्जे वाले सियाचिन के 11 सेक्टर में भयानक बर्फबारी और तूफान आई थी तब वहां एक ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा गिर गया था. जिसमें पाकिस्तानी आर्मी का बेस कैंप पूरी तरह से तबाह हो गया था और इसमें लगभग 150 सैनिक मारे गए थे. पाकिस्तान के रक्षा वैज्ञानिकों का दावा है कि इतना बड़ा पहाड़ तब तक नहीं गिराया जा सकता जब तक उसे कटाने जाए । उनका सीधे तौर पर शक भारत पर है. उनका मानना है कि भारत ने काली हथियार के इस्तेमाल के जरिए इस को काट गिराया था|

निश्चित तौर पर यह एक अद्वितीय हथियार है। जो भारत को उसकी वास्तविक ताकत दिलाएगा। भारत माता की जय।

जान लीजिए कब आ रहा है बिहार बोर्ड के मैट्रिक-इंटर परीक्षा का रिजल्ट?

न्यूज़ डेस्क : मैट्रिक और इंटर परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए बिहार बोर्ड ने जरूरी जानकारी दी है।
जिसके मुताबिक 15 मई 2018 तक नतीजे जारी कर दिए जाएंगे. हालांकि एक फिक्स डेट अभी तय नहीं है. इस मामले में बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि रिजल्ट प्रकाशन की निश्चित तिथि अभी बताना संभव नहीं है. आनंद किशोर ने कहा कि मैट्रिक और इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. अभी रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।
BSEB अध्यक्ष आनंद किशोर (फाइल फोटो)
उन्होंने कहा कि इस बार पिछले साल से पहले ही रिजल्ट पब्लिश कर दिया जाएगा. बता दें कि साल 2017 में 22 मई को मैट्रिक का रिजल्ट जारी किया गया था. इस साल 15 से 20 मई के बीच मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट बारी-बारी से जारी कर दिया जाएगा।बिहार बोर्ड इस साल भी टॉपर का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगा. पिछले साल की तरह इस साल भी टॉप-20 में शामिल परीक्षार्थियों को फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा. पिछले साल गणेश प्रकरण से सीख लेते हुए बोर्ड इस साल इंटर के टॉपरों का भी फिजिकल वेरिफिकेशन कराने के मूड में है. बोर्ड अध्यक्ष ने रिजल्ट को गोपनीय मामला बताते हुए किसी भी प्रक्रिया या योजना की जानकारी देने से इंकार किया है. इस बार भी वेरिफिकेशन में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का पूरा खर्च बोर्ड वहन करेगा.
सच्चिदानंद राय मिले आनंद किशोर से, फैसले से लाभ मिलेगा हजारों छात्रों को
बता दें कि इस साल भी बिहार बोर्ड की भद्द उस वक्त पिट गई. जब बोर्ड ने कॉपी मूल्यांकन कार्य के लिए ऐसे कई लोगों को लेटर भेज दिया. जिनकी मृत्यु भी हो चुकी थी. साथ ही टॉपर घोटाला में मास्टरमाइंड बच्चा राय के सहयोगी रहे एक शिक्षक को भी बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य के लिए लेटर भेजा था. शामिल नहीं होने पर FIR करने के भी आदेश दिए गये थे. यह लेटर मीडिया में आते ही बिहार बोर्ड पर फिर से सवाल उठने लगे।

बंगाल बन गया दुसरा कश्मीर।बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के डर से खाली होने लगा आसनसोल।

आखिर वही हुआ जिसका डर था। सन1990 में जो कश्मीर में हुआ था आखिर वही ममता के राज मैं भी होने लगा।
सन1990 में इस्लामिक मजहबी कट्टरपंथियों ने कश्मीर से हिन्दुओं(पंडितों) पर असहनीय अत्याचार किये गये, उनके परिवार की महिलाओं की अस्मिता लूटी, उनके घर-मकानों दुकानों पर जबरन कब्जे किये जिसके कारण उनको मजबूरन जान बचाकर वहां से भागना पड़ा और अब उसी की पुनरावृत्ति पश्चिम बंगाल मैं हो रही है जहाँ मजहबी आक्रान्ताओं का दबदबा इतना ज्यादा हो गया है कि उनके भय से हिन्दू समाज बंगाल से पलायन करने को मजबूर है।
गौरतलब है कि 25 मार्च को पूरे देश में श्रीरामनवमी की शोभायात्रायें निकाली जा रही थीं, हिन्दू समाज पूरे हर्षोल्लास के साथ प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मना रहा था. पश्चिम बंगाल में भी जोरों से श्रीराम जन्मोत्सव की खुशिया मनाईं जा रही थी तभी अचानक से कुछ मजहबी आक्रान्ता हिन्दू समाज पर कहर बनकर टूटे. मजहबी उन्मादी आक्रान्ताओं की भीड़ ने शोभायात्रा पर बम फेंकना शुरू कर दिए. सबसे ज्यादा हिंसा आसनसोल मैं हुईं. मजहबी आक्रान्ताओं ने यात्रा मैं शामिल लोगों के लहू से बंगाल की सडकों को लाल कर दिया.हिन्दुओं के खिलाफ इस अत्याचार में उन रोहिंग्ययों के भी शामिल होने की खबरें हैं जिनके लिए हमारे देश के कुछ ठेकेदार नागरिकता की मांग कर रहे हैं.
आसनसोल मैं आक्रान्ताओं का कहर इस कदर है कि वहां धारा 144 लगानी पड़ी लेकिन उसके बाद भी लगातार हिन्दू समाज के लोगों पर आक्रान्ताओं के अत्याचार जारी हैं. कर्फ्यू लगने के बाद भी मजहबी आक्रान्ता चुन चुन कर हिन्दुओं का दमन कर रहे हैं. आक्रान्ताओं के इस डर के कारण कश्मीर की तरह आसनसोल से हिन्दू पलायन करने को मजबूर है लेकिन राज्य की मुखिया ममता बनर्जी इन आक्रान्ताओं को रोकने के बजाय दिल्ली में मोदी रोको प्रतियोगिता आयोजित करने की कोशिश कर रही हैं. उनको बंगाल के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की कोई चिंता नहीं है. बंगाल की ये स्थिति देश के लिए काफी चिंताजनक है क्योंकि बंगाल कश्मीर की तरह जिहादियों का गढ़ बन चुका है तथा शायद अब बंगाल मैं हिन्दू होना एक बहुत बड़ा अपराध साबित हो रहा है. जैसे जैसे मुस्लिमों की आवादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे उस क्षेत्र में जिहादियों का आतंक बढ़ता जाता है तथा वह जगह मिनी पकिस्तान बन जाती है. अतः ये पकिस्तान न बने इसके लिए देश मैं जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाना जरूरी है।

सड़कों पर उतरा जम्मू का हिन्दू क्योकि वहां की सरकार ले आई है उसके अस्तित्व तक पर संकट।

जम्मू कश्मीर : घटना ने भारत भर को हिला दिया। शुरू में लगा कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषी को सब मिल कर न्यायिक रूप से सजा दिलायेगे।

लेकिन अचानक ही इस पूरे मामले में कुछ और दिखाई देने लगा जब हंगामे की धुंध छंट गयी . इस पूरे मामले में एक मासूम के साथ हुए नृशंस बलात्कार को बना दिया गया एक वर्ग के खिलाफ धारदार हथियार और हमला कर दिया गया शासकीय रूप से गिन गिन कर उन लोगों के खिलाफ जो अपने इलाके में न्याय और नीति की आवाज उठाया करते थे .
यकीनन ये सारा मामला उस समय अपने असल पथ से भटक गया जब इसको हिन्दुओ के खिलाफ एक साजिश का रूप दिया जाने लगा और चुन चुन कर इस मामले में उन्हें फंसाया जाने लगा जो क्षेत्रीय एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करते आ रहे थे . निशाने पर आये वकील , समाजसेवी , पुलिस वाले और हिन्दू संगठन चलाने वाले . फिर चालू हुआ अंतहीन प्रताड़ना का दौर इन सबके खिलाफ उस राज्य में जिसमे आधे की साझीदार हिन्दुओ की आवाज कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी जिसे बड़ी मेहनत से जम्मू के हिन्दुओ ने इतना वोट दिलाया जा जिस से वो सत्ता में साझीदार हो सके .
फिर धीरे धीरे ये मामला बन गया हिन्दुओ को प्रताड़ित करने का हथियार . कई बुद्धिजीवी इस मामले में आसिफा नाम की बच्ची को इंसाफ दिलाने की कोशिश के बजाय रोहिंग्या को बसाने का सही समय और रोहिंग्या विरोधियो को कानूनी रूप से दबा देने का हथकंडा बना डाला जिस पर जम्मू का हिन्दू अपनी सहनशीलता को त्याग कर आक्रामकता पर आ गया . ये वही हिन्दू समाज था जिसने अपने खुद के पौरुष पर कभी महादेव की अमरनाथ यात्रा बचाई थी वरना आज वो तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की बलि चढ़ कर खत्म हो चुकी होती . जब बात अस्तित्व की आई हो हिन्दू समाज ने प्रतिकार किया .. आसिफा को न्याय दिलाने की मांग हिन्दू समाज ही कर रहा है लेकिन हिन्दुओ को एकतरफा शिकार बनाने की साजिश ने उसके धैर्य के बाँध को तोड़ डाला और इसमें शामिल हो गया समाज का हर वर्ग .
अभी तक केंद्र सरकार ने इस बेहद संवेदनशील हो चुके मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है जो यकीनन आने वाले चुनावों में उसके खिलाफ एक बड़ा धक्का साबित हो.. आसिफा को भुला कर सीधे हिन्दू समाज पर आक्रामक होना अब कश्मीर की वर्तमान सरकार के लिए भी भारी पड़ रहा है क्योकि इसी साजिश ने वहां के हिन्दुओ को एक सूत्र में पिरो दिया है और इतना बिना किसी संकोच के कहा जा सकता है कि वर्तमान में बिगड़े हालातों के लिए राज्य सरकार की एकपक्षीय कार्यवाही और हिन्दुओ पर एकतरफा अत्याचार जिम्मेदार है जो जल्द न सुधरे तो यकीनन हालात और भी बुरे होंगे .

बड़ी खबर : दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शामिल हुआ भारत।

नमस्कार दोस्तों ! TODAY JAGRAN न्यूज़ में आपका स्वागत है।
 दोस्तों हाल ही में भारत को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की सदस्यता मिल गयी है. आपको बता दें कि यह ग्रुप केमिकल और बायलॉजिकल एजेंट्स के निर्यात पर अपने नियंत्रण के जरिए सुनिश्चित करता है कि इससे रासायनिक या जैविक हथियार न बन सके।

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के लिए पिछले काफी वक़्त से कोशिश में लगे भारत के लिए ये बड़ी सफलता के रूप में देखी जा रही है. इस उपलब्धि से अप्रसार में भारत की दुनिया में हैसियत बढ़ेगी ओर साथ ही न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में सदस्यता के लिए भी भारत की दावेदारी और भी ज्यादा मजबूत होगी, जिसमें चीन पिछले काफी वक़्त से अड़ंगा लगा रहा है।अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के साथ भारत भी सीना तान के खड़ा होगा अब
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप एक अनौपचारिक संगठन है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश पहले से शामिल हैं. पीएम मोदी की दोस्ती के चलते अमेरिका और फ्रांस काफी वक़्त से भारत को इस ग्रुप का मेंबर बनाने की वकालत करते आये है. और अब भारत को इस ग्रुप की सदस्यता मिल गयी है.
दरअसल भारत सैन्य इस्तेमाल के लिए सबसे ज्यादा केमिकल सबंधी सामानों का ही आयात करता है, मगर ये कोई खतरे की बात नहीं क्योंकि भारत में इस पर नजर रखने की काफी अच्छी व्यवस्था है. अब ग्रुप में सदस्यता मिलने से भारत को केमिकल और बायलॉजिकल एजेंट्स के वैश्विक कारोबार में दखल का मौका मिलेगा. इस उपलब्धि के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जेगलर ने शुक्रवार को भारत को बधाई दी और इसे नरेंद्र मोदी की कूटनीति की जीत बताया. यहाँ एक बात आपको और बता दें कि पिछले ही साल दिसंबर में पीएम मोदी के प्रयासों से भारत वासेनार अरेंजमेंट का मेंबर बना था.
भारत बनता जा रहा वैश्विक महाशक्ति
इस अरेंजमेंट का मकसद पारंपरिक हथियारों के साथ उन वस्तुओं और तकनीकों के प्रसार में पारदर्शिता और जिम्मेदारी लाना है, जिनका सैन्य इस्तेमाल हो सकता है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के ही कारण 2016 के जून में भारत मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) का मेंबर भी बना था, जो मिसाइल, यूएवी और संबंधित तकनीक के प्रसार पर नजर रखता है. इसका मेंबर बनने से भारत को उच्च मिसाइल तकनीक हासिल करने का रास्ता साफ हुआ था. जानकारों के मुताबिक़ अब वो दिन दूर नहीं जब भारत एनएसजी का सदस्य भी बनने जा रहा है.

कठुआ मामले में आया नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला।

दोस्तों,आपका हमारे TODAY JAGRAN न्यूज़ पोर्टल में स्वागत है। आज हम आपको कठुआ कांड से संबंधी कुछ तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि इन दिनों ये बहुत ही चर्चा में है।


कश्मीर की 8 साल की बच्ची, जिसके साथ कई सारे लोगों ने मंदिर के अंदर मिलकर दुष्कर्म किया, और आखिर में उस 8 साल की बच्ची के सिर पर ईट, पत्थर से मारकर उसकी हत्या कर दी गयी। एक तरफ जहां पूरा बॉलीवुड आसिफा बनो का सपोर्ट कर रहा है दूसरी तरफ कुछ और ही चल रहा है। इसी सापेक्ष में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी कि इस केस की जांच सीबीआई के द्वारा की जाए परंतु सुप्रीम कोर्ट ने यह केस क्राइम ब्रांच को सौंपा दिया है और उन्हीं से पूरी जांच कराई जाएगी।

भारत में बहुत से राजनेता इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं परंतु युवा इस मामले की तह तक जाना चाहते हैं और लोगों का पर्दाफाश करना चाहते हैं।
दोस्तो ,आप क्या सोचते हैं इस केस के बारे में, क्या भारत में आसिफ को न्याय मिलेगा या नही ? आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं हम इस तरह के रोचक न्यूज़ जानने के लिए हम से जुड़े रहें साथ ही साथ हमें फॉलो करना ना भूलें।

अब जामा मस्जिद से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया बड़ा ऐलान?

शामली:मुस्लिम उलेमाओं ने एक राय होकर के एक ऐसा अनोखा फरमान जारी किया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
उलेमाओं ने फरमान सुनाया है कि अगर मुस्लिम शादी में डीजे और ढोल-नगाड़े बजे तो उस शादी का वे बायकॉट कर देंगे और मुस्लिम उलेमा निकाह भी नहीं पढ़ाएंगे।

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शामली शहर की मुख्य जामा मस्जिद में जनपद शामली के मुस्लिम उलेमाओं की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कई मुस्लिम धर्मगुरु शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना शौकीन ने की। बैठक के दौरान शादी में फिजूल के खर्च कर रहे मुस्लिम लोगों पर पाबंदी लगाने की बात की गई। मुस्लिम उलेमाओं का मानना है कि विवाह-शादी के दौरान डीजे और ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी बंद कराई जाए। क्योंकि इस तरह के फिजूल के खर्च करने के बजाय किसी गरीब की मदद की जाए। उलेमाओं ने कहा कि पहले तो वह इस तरह की शादी करने के लिए मुस्लिम धर्म के लोगों को समझाएंगे और अगर कोई उनकी बात नहीं मानता तो उनका बहिष्कार किया जाएगा।
उलेमाओं ने कहा कि शादियों में डीजे, ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी हमारे धर्म के खिलाफ है। इसिलए अब ऐसा बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर किसी भी मुस्लिम शादी में डीजे और ढोल-नगाड़े या आतिशबाजी हुई तो उलेमा उस शादी में निकाह नहीं पढ़ाएंगे। बैठक में जमीयत ए उलेमा हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अयूब सहित कई उलेमा मौजूद रहे।

बिहार में अब कोई भी दलित नहीं है. लेकिन यह कैसे हुआ?

बिहार : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते शनिवार को राज्य में पांच फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली पासवान यानी दुसाध जाति को महादलित का दर्जा देने का ऐलान किया
उनके इस ऐलान के साथ ही बिहार के साथ एक दिलचस्प तथ्य जुड़ गया है. राज्य में अब कोई भी जाति दलित नहीं रह गई है. बिहार की सभी 22 दलित जातियां महादलित बन गई हैं.
हालांकि नीतीश कुमार के इस कदम को आलोचक राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम करार दे रहे हैं. उनके अनुसार पिछले तीन साल में पासवान जाति की सामाजिक-आर्थिक दशा खराब होने के कहीं से कोई संकेत नहीं मिले हैं जिससे कि महादलित का रद्द किया गया उसका दावा फिर से बहाल किया जा सके.
इससे पहले नीतीश कुमार ने ही मार्च 2015 में पासवान जाति को महादलित का दर्जा देने वाला जीतन राम मांझी का आदेश पलट दिया था. उस समय उनका तर्क था कि दलितों में 31 फीसदी का हिस्सा रखने वाली इस जाति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति बाकी दलितों से बेहतर है. उन्होंने तब यह भी बताया था कि महादलित का दर्जा उसी दलित बिरादरी को दिया गया है जिनकी दशा दूसरों से खराब है. असल में नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बने जीतन राम मांझी ने उनसे बगावत के बाद फरवरी 2015 में महादलित वर्ग से बाहर रह गई एकमात्र दलित जाति पासवान को इसमें शामिल करने की घोषणा की थी.
इसलिए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री की नीयत पर सवाल उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार कभी नहीं चाहते कि रामविलास पासवान या कोई और उनसे ज्यादा मजबूत हों इसलिए यह फैसला उन्होंने केवल अपनी भलाई के लिए लिया है. तेजस्वी यादव ने कहा, ‘जब मैं उपमुख्यमंत्री था तो चंपारण के एक कार्यक्रम में शामिल होने नीतीश जी के साथ गया था. इस दौरान हेलीकॉप्टर में दलित-महादलित का मुद्दा छिड़ने पर नीतीश जी ने मुझसे कहा कि पासवान जी दलित नेता बनने की कोशिश कर रहे थे और तब उन्हें केवल उनकी जाति तक सीमित रखने के लिए उन्होंने महादलित वर्ग का गठन किया था.’ तेजस्वी यादव ने इसलिए नीतीश कुमार से पूछा है कि आखिर क्यों उन्होंने पासवान जाति को अब तक महादलित वर्ग से बाहर रखा और अब उसे इसमें शामिल कर लिया है.
वहीं राजनीतिक विश्लेषक नीतीश कुमार के ताजा फैसले को केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के भीतर चल रहे राजनीतिक दांव-पेंच का परिणाम मान रहे हैं. इनके अनुसार एनडीए में शामिल बिहार के तीनों घटक आपसी सहयोग बढ़ाकर भाजपा पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर दावेदारी ठोकी जा सके. आलोचक नीतीश कुमार के इस फैसले को इसी मकसद से उठाया गया कदम मान रहे हैं जिससे कि लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान से उनके संबंध और मजबूत हो सके. जानकारों का दावा है कि पिछले कई सालों से दोनों नेताओं के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं लेकिन भाजपा के बढ़ते हुए प्रभाव पर अंकुश लगाने के लिए दोनों नेता पिछले कुछ हफ्तों में कई बार मिल चुके हैं.
नीतीश कुमार इसके अलावा कोइरी जाति के नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी नजदीकियां बढ़ाने में जुटे हैं. इसके तहत वे हाल में कई बार उनके साथ मंच साझा कर चुके हैं. बिहार के मुख्यमंत्री को कुछ समय पहले तक कुर्मी और कोइरी दोनों जातियों का नेता माना जाता था, लेकिन कुशवाहा के उभार के बाद ऐसा नहीं रह गया है. हालांकि जानकारों के अनुसार यदि दोनों नेताओं के संबंध सुधरते हैं तो इसका फायदा दोनों को मिलेगा.
इस बीच इन दलों ने हाल में दावा किया है कि उनके पास राज्य के कम से कम 38 फीसदी वोटर हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार एनडीए में शामिल इन तीनों दलों की नजर गैर-यादव ओबीसी, अति पिछड़ी और दलित जातियों पर है. इसलिए माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अगले कुछ महीनों में इन जातियों को गोलबंद करने वाले ऐसे ही कई दूसरे फैसले भी ले सकते हैं. यही नहीं, इस बात की पूरी संभावना है कि ये तीनों नेता आने वाले वक्त में एक-दूसरे के और करीब दिखने की पूरी कोशिश करें. आखिर भाजपा के साथ रहते हुए भी अपना-अपना अस्तित्व बचाना इन तीनों के लिए आसान चुनौती नहीं है.

शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018

झारखंड निकाय चुनावः 34 में से 21 निकायों में जीती भाजपा, जानें-कौन कहां से जीता?

रांची : जेएनएन : झारखंड के निकाय चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी आजसू का परचम लहराया है। 
34 निकायों में भाजपा और आजसू को 23 सीटों पर जीत मिली है। अकेले भाजपा ने 21 निकायों पर कब्‍जा जमाया है। इनमे पांचों नगर निगम की सीटें भी शामिल हैं। कांग्रेस ने पांच, झामुमो ने तीन सीटें जीती हैं। निर्दलीय प्रत्‍याशी ने दो सीटें जीतीं हैं। झाविमो और राजद के खाते में एक-एक सीट है। उधर, झुमरीतिलैया उपचुनाव में अध्यक्ष पद पर भाजपा की जीत हुई है।
पांचों निगमों पर भाजपा की जीत
रांची: मेयर पद पर भाजपा की आशा लकड़ा झामुमो की वर्षा गाड़ी से जीतीं। डिप्‍टी मेयर पद पर भाजपा के संजीव विजयवर्गीय जीते।
मेदिनीनगर : मेयर पद पर भाजपा प्रत्‍याशी अरुणा शंकर निर्दलीय पूनम देवी से जीते।
गिरिडीह: भाजपा के मेयर पद के प्रत्‍याशी सुनील पासवान जीते। डिप्‍टी मेयर पर भाजपा के प्रकाश राम का कब्‍जा।
आदित्‍यपुर: मेयर पद पर भाजपा के बिनोद श्रीवास्‍तव जीते। भाजपा के अमित सिंह डिप्‍टी मेयर पद पर जीते।
हजारीबाग : मेयर पद पर भाजपा प्रत्‍याशी रोशनी तिर्की 7500 मतों से जीतीं। डिप्टी मेयर पद पर भाजपा के राजकुमार लाल 6500 मतों से जीते।
जानें, कौन कहां से जीता
लातेहार नगर पंचायत : अध्‍यक्ष पद पर भाजपा प्रत्‍याशी सीतामणि तिर्की जीतीं
चिरकुंडा नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर भाजपा प्रत्‍याशी डब्‍ल्‍यू बाउरी ने कांग्रेस प्रत्‍याशी मुरली पुरी को 1500 से ज्‍यादा मतों से हराया। उपाध्‍यक्ष पद भी भाजपा की झोली में।
पाकुड़ नगर परिषद : अध्यक्ष-उपाध्यक्ष दोनों पद भाजपा की झोली में। अध्यक्ष पद पर संपा साह को लगभग 2900 वोटों से जीत मिली। उपाध्यक्ष पद पर सुनील सिन्हा लगभग 2500 वोटों से जीत गए।
चतरा नगर परिषद : भाजपा की गुंजा देवी 900 से अधिक वोट से झाविमो उम्‍मीदवार से जीतीं
खूंटी नगर पंचायत : अध्‍यक्ष पद पर भाजपा के अर्जुन पाहन जीते। उपाध्‍यक्ष पद भी भाजपा की झोली में।
चाकुलिया नगर पंचायत : भाजपा की संध्‍या रानी सरदाद जीतीं, उपाध्‍यक्ष पद पर भी बढ़त
जामताड़ा नगर पंचायत : अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर भाजपा को जीत मिली है। अध्यक्ष रीना कुमारी बनेंगी तो उपाध्यक्ष पद पर चंडीशरण दे जीते हैं।
मिहिजाम नगर परिषद : अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी कमल गुप्ता और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी शांति देवी को जीत मिली है।
नगर उंटारी नगर पंचायत : भाजपा की विजया लक्ष्‍मी देवी 2458 मतों से जीतीं। बसपा की किरण दूसरे नंबर पर रहीं।
गढ़वा नगर परिषद : भाजपा प्रत्‍याशी पिंकी केशरी 193 वोट से जीतीं। झामुमो के प्रत्‍याशी दूसरे नंबर पर रहे।
बुंडू नगर पंचायत : अध्‍यक्ष पद पर भाजपा के राजेश उरांव आगे। उपाध्‍यक्ष पद आजसू के सुनील जायसवाल आगे।
बासुकीनाथ नगर पंचायत : अध्यक्ष पद पर भाजपा की पूनम देवी को जीत मिली है, जबकि उपाध्यक्ष पद कांग्रेस प्रत्याशी अमित कुमार की झोली में गया।
साहिबगंज नगर परिषद : भाजपा प्रत्याशी श्रीनिवास यादव को अध्यक्ष पद पद पर जीत मिली है, जबकि उपाध्यक्ष पद पर झाविमो प्रत्याशी रामानंद साह जीते।
बरहरवा नगर पंचायत : भाजपा प्रत्याशी श्यामलदास अध्यक्ष पद से और भाजपा प्रत्याशी लोकेश कुशवाहा उपाध्यक्ष पद पर विजय हुए।
सरायकेला नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर भाजपा की मीनाक्षी पटनायक जीतीं। उपाध्‍यक्ष पद पर झामुमो प्रत्‍याशी को मिले जीत।
डोमचांच नगर पंचायत : आजसू के राजकुमार मेहता जीते, उपाध्‍यक्ष पद पर राजद के पप्‍पू मेहता जीते।
रामगढ़ नगर परिषद : आजसू के योगेश बेदिया अध्‍यक्ष पद का चुनाव जीते। कांग्रेस के दिनेश मुंडा को 5037 वोटों से हराया।
लोहरदगा नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर कांग्रेस की अनुपमा भगत ने भाजपा की मनोरमा एक्‍का को हराया।
फुसरो नगर परिषद : कांग्रेस ने अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष दोनों पदों पर जीत हासिल की।
सिमडेगा नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्‍याशी पुष्‍पा कुल्‍लू से जीतीं। उपाध्‍यक्ष पद पर भाजपा उम्‍मीदवार ओमप्रकाश साहू जीते।
गुमला नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर कांग्रेस के दीप नारायण उरांव और उपाध्‍यक्ष पद झामुमो के कलीम जीते।
कपाली नगर परिषद : अध्‍यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्‍याशी की जीत। उपाध्‍यक्ष पद पर चुनाव रद हो गया है।
चाईबासा नगर परिषद : अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष पद पर झामुमो का कब्‍जा।
मधुपुर नगर परिषद : अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर झामुमो ने कब्जा जमाया है। अध्यक्ष पद पर झामुमो प्रत्याशी सेवानिवृत्त शिक्षिका लतिका मुर्मू ने 1347 वोट से जीत दर्ज कराई। दूसरे स्थान पर बीजेपी, जेएमएम को 10,159, बीजेपी को 8812 उपाध्यक्ष पद पर झामुमो प्रत्याशी जियाउल हक उर्फ टार्जन को जीत मिली है।
राजमहल नगर पंचायत : झामुमो प्रत्याशी केताउद्दीन शेख अध्यक्ष पद पर विजयी रहे। वहीं उपाध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी पार्थ दत्ता जीते।
छतरपुर नगर पंचायत : अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष झारखंड विकास मोर्चा के नाम।
हुसैनाबाद नगर पंचायत : अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष दोनों पदों पर राजद ने जमाया कब्‍जा।
गोड्डा नगर परिषद : निर्दलीय प्रत्याशी जितेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू मंडल ने अध्‍यक्ष पद पर भाजपा के अजीत सिंह को हराया। उपाध्‍यक्ष पद पर झाविमो की वेणु जीतीं।
दुमका नगर परिषद : अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी श्वेता झा और उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय विनोद लाल 1697 मतों से विजयी रहे।
लोहरदगा में अध्यक्ष पद पर जीत का जश्न मनाती कांग्रेस की अनुपमा भगत।
34 निकायों में 16 को पड़े थे वोट
34 शहरी निकायों के लिए 16 अप्रैल को वोट पड़े थे। महापौर/अध्यक्ष तथा उप महापौर/उपाध्यक्ष के क्रमश: 34 तथा 33, जबकि वार्ड पार्षद के 749 पदों में से 724 के लिए हुए चुनाव के नतीजे आे हैं। शेष 25 वार्ड पार्षदों का चुनाव पहले ही निर्विरोध हो चुका है। ईवीएम में कैद कुल 4,553 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला सामने आयाहै। इनमें से महापौर/अध्यक्ष पद के लिए 278, उप महापौर/उपाध्यक्ष के लिए 314 तथा वार्ड पार्षद पद के लिए 3961 प्रत्याशी शामिल हैं। इनमें से 2066 महिला प्रत्याशी हैं। कपाली में उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव रद कर दिया है। झामुमो प्रत्याशी के चुनाव चिह्न में गड़बड़ी की शिकायत पर राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में निर्णय लिया था।
आजसू की जीत पर रामगढ़ के दुलमी में जश्न मनाते कार्यकर्ता।


 65.52 फीसद हुआ मतदान
2013 की तुलना में इस बार 2.35 फीसद मत अधिक पड़े थे। 2013 में जहां 63.17 फीसद मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था, वहीं इस चुनाव में 65.52 फीसद मतदान हुआ।

कर्नाटक: भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट, सिद्धारमैया के खिलाफ उतारा कमजोर प्रत्याशी।

बेंगलुरु: कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा ने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी करते हुए 59 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है।
इसके अलावा भाजपा ने कोलार गोल्ड सीट के पूर्व में घोषित उम्मीदवार को बदल दिया गया है। पार्टी द्वारा घोषित किये गए 59 उम्मीदवारों के नाम में वह सीट भी शामिल है जिससे कांग्रेस के मुख्यमंत्री प्रत्याशी सिद्धारमैया चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस सीट से भाजपा ने कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।

224 विधानसभा सीटों के लिए इसके पहले भाजपा ने 154 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। अब तक जारी 3 सूचियों के आधार पर पार्टी अब तक 213 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। अब 11 उम्मीदवारों का ऐलान किया जाना है।
जिन अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जाना है, उसमें वरुणा सीट भी शामिल है। इस सीट से माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई रघुवेंद्र चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
वहीं भाजपा ने मैसूर के चामुंडेश्वरी सीट से गोपाल राव को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह वही सीट है जिससे कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा ने इस सीट से मुख्यमंत्री के खिलाफ कमजोर प्रत्याशी खड़ा किया है।
गोपाल राव एक ब्राह्मण हैं जबकि चामुंडेश्वरी सीट का इतिहास रहा है कि यहां से वोक्कालिगा या कुर्बा जाति का उम्मीदवार विजयी होता रहा है। इस सीट पर वोक्कालिगा या कुर्बा जाति की बहुलता है, जबकि ब्राह्मणों की संख्या बेहद कम है। 2013 में जेडीएस ने 42.9 फीसदी जबकि कांग्रेस ने 38.9 फीसदी वोट हासिल किया था।
बता दें, कर्नाटक की 224 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कर्नाटक में 244 सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा, जबकि चुनावों का परिणाम 15 मई को आएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों ही लगातार कर्नाटक में अपने दौरे कर रहे हैं। जहां कांग्रेस कर्नाटक में एक बार फिर से सत्ता पर काबिज होना चाहेगी तो वहीं भाजपा अपने 5 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश करेगी।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा शिकारीपुरा से टिकट दिया गया है।

कहार, कुम्हार और गोंड सहित अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को शामिल किया जाएगा SC/ST में।

नई दिल्ली : आरक्षण को लेकर अभी भी देश मे काफी आक्रोश देखा जा रहा है। देश मे दलित ही सबसे पिछड़े थे। जिन्हें आरक्षण मिला। और आज के समय मे बहुत से लोगो का विकाश भी हुआ। लेकिन इन दलितों से भी पीछे ये अति पिछड़ी जातियां है। जिनका उत्त्थान नही के बराबर है। अति पिछड़ी जातियों का आर्थिक और शैक्षिक विकास करने के लिए भारतीय जनता पार्टी जातिय समीकरणों को दुरस्त करने में लगी हुई है।
जल्द ही केंद्र सरकार प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया जाएगा। इन अति पिछड़ी जातियों में निषाद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा और गौड़ इत्यादि शामिल है। एक अरसे से इन अति पिछड़ी जातियों की मांग रही है कि उन्हें एससी एसटी की सूची में शामिल किया जाए। लंबे इंताजर के बाद केंद्र की प्रदेश सरकार ने अब जाकर इनकी मांग को पूरा करने का विचार किया है। केंद्रीय नेतृत्व अति पिछड़ी जातियों की इस मांग से पूरी तरह सहमत है और उन्होंने जल्द ही इस पर विचार करने का फैसला भी सुनाया।
एससी एसटी वर्ग के साथ ओबीसी वालों को शामिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।इससे उनका आर्थिक और शैक्षिक विकास होगा। साथ ही उन्हें एक समान दर्जा भी मिलेगा। आज भी ओबीसी वर्ग के इन 17 जातियों की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति दलितों से भी खराब हो गयी है। न ही सरकारी नौकरी में उनका प्रतिनिधित्व है। और न ही वे समाज के बाकी क्षेत्रों में आगे बढ़ सके हैं। इसलिए सरकार की यह मंसा है। कि इन्हें भी आगे बढ़ने के लिए कुछ आरक्षण प्रदान किया जाय। ताकि इनका भी विकाश हो सके। लाइक और फॉलो बटन दबाकर कॉमेंन्ट बॉक्स में बताइये। कि के आप सरकार के इस निर्णय से सहमत है। कॉमेंन्ट करके बताए।

आरक्षण के विरोध में कल भारत बंद, क्या एक और हिंसा की आग में जलेगा देश?

जयपुर । 2 अप्रैल को हुए भारत बंद में जातीय हिंसा की आग में देश झुलस गया था। देश के कई राज्यों में जातीय संघर्ष की वजह से कई लोगों की जानें चली गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में लागू एससी एसटी एक्ट में किये गए बदलाव और उसमें केंद्र सरकार के द्वारा तब रूचि ना लिये जाने की वजह से कई जातीय संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आयोजन किया था।इस दिन बंद के दौरान कई हिंसक घटनाएं हुईं, जिसमें दर्जन भर लोगों की मौत हो गई थीं। इस मामले में अभी भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो रही है और कानूनी काम जारी है।

लेकिन अभी बवाल ठंडा नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों और कई संगठनों के दावों पर गौर किया जाए तो कल यानि कि 10 अप्रैल को देश भर में आरक्षण के विरोध में देश-व्यापी बंद का आयोजन किया जाने वाला है।इस बंद में अभी कौन से संगठन शामिल होंगे, इसके पता अभी चल नहीं पाया है। लेकिन देश भर के कई राज्यों में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना शुरु कर दिया है।

खबरों के मुताबिक 2 अप्रैल को हुई हिंसा और आरक्षण के खिलाफ स्वर्ण और ओबीसी समुदाय कल भारत बंद का आयोजन करने जा रहा है। ये खबर 2 अप्रैल को हुए दलितों द्वारा भारत बंद के बाद ही आनी शुरु हो गई थी।कल संभावित भारत बंद के मद्दनेज़र उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पूरे राज्य में धारा 144 लोगू कर दी है। जबकि मध्य प्रदेश में स्कूलों को कल के लिए बंद कर दिया गया है और कई शहरों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।

दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश राजिंदर सच्चर का निधन, मुसलमानों के लिए किया था ऐतिहासिक काम।

नई दिल्लीः मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए बेहतरीन काम करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश राजिंदर सच्चर अब हमारे बीच नहीं है।
शुक्रवार को 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें हाल में ही एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था । साल 1952 में वकालत से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जस्टिस सच्चर ने मानवाधिकार के लिए काफी अच्छा काम किया था । 12 फरवरी 1970 को वे दिल्ली हाईकोर्ट के बने थे। दो साल काम करने के बाद उन्हें 5 जुलाई 1972 को दिल्ली हाई कोर्ट का न्यायधीश बनाया गया। इसके अलवा वे सिक्किम और राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस बनाए गए थे।
मुसलमानों की स्थिति पर दी थी रिपोर्ट
साल 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने दिल्ली हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। यह समिति सच्चर कमेटी के नाम से मशहूर हुई थी। यह समिति देश में मुसलमानों की स्थिति जाने के लिए गठित हुई थी। राजिंदर सच्चर ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया था कि देश में मुसलमानों की स्थिति अनुसूचित जाति-जनजाति से भी बदतर है। 403 पेज की इस रिपोर्ट को नवबंर 2006 में लोकसभा में भी पेश किया गया था।
जस्टिस ने की थी ये सिफारिशें
जस्ट‍िस राजि‍न्‍दर सच्‍चर की कमेटी ने देश के मुस्लिम समाज की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन किया था। उन्होंने मुस्लिमों की भलाई के लिए केंद्र सरकार से 10 प्रमुख सिफारिशें की थीं।
1- मुस्लिम समुदाय की शैक्षणिक स्थिति को मजबूत करने के लिए राजि‍न्‍दर सच्‍चर ने 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की बात कही थी। इसके अलावा उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले मुस्लिम बच्चों के लिए स्कॉलरशिप देने और मदरसों का आधुनिकीकरण करने पर जोर दिया था।
2- मुस्लिम समुदाय की आर्थिक स्थिति सही करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से बढ़े-लिखे मुस्लम बच्चों को रोजगार देने की सिफारिश की थी।
3- ग्रामीण अंचलों में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में सरकारी बैंक खोलने और उन्हें ऋण देकर राजगार के लिए प्रोत्साहित करने की भी रिफारिश की थी। मुस्लिम महिलाओं को रोजगार देने के लिए भी उन्होंने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही थी।
4- मुस्लिम परिवारों से आने वाले बच्चों के लिए उन्होंने देश भर में आईटीआई और पॉलि‍टेक्‍नि‍क संस्‍थान खोलने की भी रिफारिश की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इससे मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में विकास होगा.
5- इसके अलावा पूर्व जस्टिस ने मुस्लिम वक्‍फ बोर्ड की संपत्‍ति‍यों को बेहतर उपयोग के लिए केंद्र सरकार से कार्य योजना बनाने की भी सिफारिश की थी।
6- मुस्लिम आबादी वाली बस्तियों और गरीबों की बुनियादी सुविधाओं के लिए बेहतर स्कूल, अच्छी स्वाथ्य सेवाएं और सरकारी स्कूल खोलने की भी सिफारिश की थी।
7- राजनीति में सामाजिक समीकरण को संतुलित करने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों की सीटों को आरक्षित किया जाए और इस सीट पर अन्य समुदाय के लोगों को चुनाव लड़ने नहीं दिया जाए।
8- मुस्लिम समाज के लोगों के लिए इक्‍वल अपॉर्च्युनि‍टी कमीशन, नेशनल डेटा बैंक असेसमेंट और मॉनि‍टरी अथॉरि‍टी का गठन की भी बात की गई थी।
9- मदरसों से पढ़कर निकले बच्चों की डिग्री को सरकारी नौकरियों के लिए मान्यता देने की सिफारिश की गई थी।
10-मुस्लिम वर्ग के लोगों के लिए सरकार विशेष तौर पर योजना बनाए और उसको कड़ाई से लागू करे।

गुरुवार, 19 अप्रैल 2018

अश्वनी चौबे के द्वारा राजेंद्र मिश्र कॉलेज परिसर में स्तिथ पोखर सम्बंधित को लेकर कुलपति को सौंपा पत्र।

गौरव बंटी : (न्यूज़ डेस्क) : सहरसा : आज तिवारी टोला के युवााओं ने BNMU मधेपुरा के कुलपति महोदय माननीय डा.अवध किशोर राय और BNMU  के फारूक़ अली  से छठ पूजा को लेकर के बात किये।
युवाओं का कहना है कि 100 सालों से हमारे पूर्वजों के द्वारा राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय परिसर में स्थित पोखर में हमारे सभी ग्राम वासी बड़ी हर्षो उल्लास के साथ आस्था की महापर्व छठ पुजा मनाते आ रहे हैं । जब छठ पूजा की समय आती है तो हमारे सभी ग्राम वासियों को पूजा करने मे कठिनाई उत्पन्न होती हैं। क्योकि काॅलेज प्रशासन के द्वारा पोखर की सौन्दर्य में कोई भूमिका नही थी और नही है । आप वर्तमान में जाकर खुद देख सकते हैं पोखर की स्थिति क्या है । सिर्फ आश्वासन मिलता कि कॉलेज के द्वारा हरेक साल पोखर की मरम्मत कराया जाएगा।  डाॅ रेणु सिन्हा काॅलेज की प्राचार्या थी उसके बाद डॉ पि• सी• खां ने काॅलेज प्राचार्य और वर्तमान में है प्राचार्य डॉ• आर• बी• झा इन सभी प्राचार्य महोदयो से बार बार सभी आग्रह करता रहता है जो आप कम-से-कम पोखर की सौन्दर्य करण और पोखर के चारों ओर सीढ़ी बना दे। ताकी हम सभी ग्रामवासियों को लोक आस्था की महापर्व पर्व छठ पूजा मनाने में  कोई समस्या उत्पन्न न हो परंतु ऐसा अभी तक नही हो पाया । इस सारी समस्याओं को माननीय कुलपति महोदय को अवगत कराते हुए एक मांगपत्र कूलपति महोदय सर को सौंपा गया ।
कुलपति महोदय के द्वारा आश्वासन मिली बहुत जल्द पोखर का सौन्दर्य और पोखर के चारों ओर सीढ़ी बनाएं जाएगी ।जिनमें सोनू तिवारी,विकास कुमार,मोनू तिवारी,बुलबुल तिवारी,सावन तिवारी,सोहन कुमार,दीपक कुमार,आशीष झा,सुमन कश्यप,आशीष कुमार,जितेंद्र कुमार,सुशांत,संतोष,आदि युवा शामिल रहे।
आपकी आवाज,आपकी ताकत।

सोमवार, 16 अप्रैल 2018

अभी-अभी : दंगा कर रहे दलितों को सुप्रीम कोर्ट का एक और झटका, कहा- जाओ अभी नहीं करेंगे सुनवाई।

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 अप्रैल) को एससी/ एसटी अधिनियम में संरक्षण के उपायों के फैसले पर रोक लगाने और इस पर पुनर्विचार की एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। करीब 150 समूहों से मिलकर बने एससी/एसटी संगठनों के अखिल भारतीय संघ ने आज (सोमवार, 2 अप्रैल) बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संदर्भ देते हुए अविलंब सुनवाई की मांग की। एससी/एसटी संगठनों द्वारा अविलंब सुनवाई की मांग अस्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले पर सुनवाई उचित समय पर होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च के अपने फैसले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के कुछ प्रावधानों को नरम बनाया था, ताकि अपना कर्तव्य निभा रहे ईमानदार अधिकारियों को कानून के तहत झूठे मुकदमों में फंसा कर ब्लैकमेल किये जाने से रोका जा सके। फैसले की दलितों और विपक्ष ने कटु आलोचना की है। उनका कहना है कि कानून को कमजोर करने से दलितों के खिलाफ भेदभाव और अपराध बढ़ जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने को लेकर आपत्ति जताते हुए विभिन्न दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पंजाब व हरियाणा में विरोध प्रदर्शन किया। तलवारें, लाठियां, बेसबॉल बैट व झंडे लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने जालंधर, अमृतसर व बठिंडा में दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों को जबर्दस्ती बंद करा दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार (2 अप्रैल) सुबह अमृतसर जिले में एक ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने ट्रेन को जाने दिया।

कानून को कमजोर बनाये जाने के विरोध में कड़ी सुरक्षा के बीच दलितों ने पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, रोपड़, बठिंडा, अमृतसर और फिरोजपुर में प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन के अंदर भी दाखिल हो गए। उन्होंने ट्रैक पर पुतले भी जलाए। कुछ राजमार्गो व सड़कों को भी जाम कर दिया गया है, जिसके कारण चंडीगढ़ व आसपास के इलाकों में आवागमन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरोध में सोमवार (2 अप्रैल) को आहूत भारत बंद का असर राज्य के कई हिस्सों में देखने को मिला है। पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले और पश्चिमी उप्र में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने बसों में आगजनी व तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। एससी-एसटी अधिनियम में परिवर्तन के विरोध में सोमवार (2 अप्रैल) को आजमगढ़ में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इस दौरान जिले के सगड़ी तहसील परिसर के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। वहीं, अजमतगढ़ में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर दुकानें बंद कराई और सड़कों पर जाम लगा दिया।

'संविधान से छेड़छाड़ नहीं चलेगी' के नारे :
आजमगढ़ के अजमतगढ़ में बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने सोमवार सुबह 10 बजे जुलूस निकाला और बाजार बंद कराने लगे। प्रदर्शनकारियों ने यहां तोड़फोड़ भी की। भीम आर्मी और भारत मुक्ति मोर्चा के 2000 से अधिक सदस्य 'संविधान से छेड़छाड़ नहीं चलेगी, नहीं चलेगी' के नारे लगा रहे थे। इन लोगों ने मुख्य मार्ग पर नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया तो विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
मेरठ में पुलिस पर हमला :
पश्चिमी उप्र में मेरठ शहर के कंकरखेड़ा क्षेत्र में सैकड़ों युवक हाथों में लाठी-डंडे और हथियार लेकर प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आए और उन्होंने जमकर बवाल मचाया। इस दौरान कुछ उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से नाराज दलित विद्यार्थियों ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। विद्यार्थियों ने परिसर में तोड़फोड़ की। दलितों ने तेजगढ़ी चौराहे पर कब्जा कर चक्का जाम कर दिया। इसके साथ ही कई जगहों पर बसों को भी जलाने की खबर है। पुलिस ने लोगों को दिल्ली से देहरादून की ओर न जाने की सलाह दी है।

बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति स्थापना को पुलिस ने रोका।

जौनपुर. बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती को लेकर शनविवार को जहां लोगों में खूब उत्साह दिखा तो वहीं जयंती बीतने के 24 घंटे के भीतर ही जौनपुर जिले के महराजगंज में पुलिस ने बाबा साहब की मूर्ति स्थापना पर रोक लगा दिया।
जिसके बाद से ही पूरे लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।
बतादें कि महराजगंज थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में अनिल गौतम के नेतृत्व मे ग्रामीणों द्वारा भीमराम आंबेडकर की प्रतिमा लगाई जा रही थी। जिस पर जगन्नाथ शर्मा ने आपत्ति जताई थी कि यह मेरे पट्टे की जमीन के बगल में स्थित है। ऐसे मे प्रतिमा की स्थापना महाराजगंज थाना अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने यह करते हुए रोक दिया कि परमिशन के बाद ही प्रतिमा लगनी चाहिए।
लोगों ने बताया कि चांदपुर गांव में अनिल गौतम एवं जिला पंचायत सदस्य रण बहादुर यादव, सत्यप्रकाश, रमेशचन्द्र, राजेश, सुरेश चंद्र, शनि गौतम आदि ग्रामीण आर्थिक सहयोग से एक बंजर भूमि पर भीमराम अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना हेतु चबूतरा का निर्माण कर रहे थे।
इसी दौरान गांव के ही जगन्नाथ शर्मा ने यह कहते हुए इस निर्माण कार्य का विरोध कर दिया कि प्रतिमा की स्थापना हमारे पट्टे की जमीन में बगैर परमिशन किया जा रहा है। इस बात सूचना जैसे ही पुलिस को लगी मौके पर पहुंची यूपी- 100 की पुलिस एवं थानाध्यक्ष महाराजगंज भानु प्रताप सिंह ने मूर्ति स्थापना के काम को ठप करा दिया। पुलिस का कहना था कि प्रतिमा स्थापना बगैर नापजोख एवं सरकारी परमिशन के नहीं हो सकती। इस संबंध में एसओ महाराजगंज भानु प्रताप सिंह का कहना है नाप जोख एवं प्रशासन की अनुमति के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ही यहां पर प्रतिमा स्थापित हो सकती है। ऐसे में ग्रामीणो से प्रतिमा की स्थापना नहीं करने को कहा गया है। लेकिन इस बात को लेकर मूर्ति लगवाने का प्रयास कर रहे लोगों में काफी निराशा देखी जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिया ऐसा फैसला कि बलात्कारियों में छा गया खौफ।

TODAY JAGRAN : भारत में लगभग हर 20 मिनट में 1 बलात्कार होता है ।
इसकी वजह से सरकार को शर्मिन्दगी भी उठानी पड़ती है । लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसा निर्णय लिया है जिससे बलात्कारियों में खौफ छाना लाजिमी है ।
अभी तक पोस्को ऐक्ट में अधिकतम आजीवन कारावास होता है । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा है कि उनका मंत्रालय पोस्को ऐक्ट में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है । जिससे इस संशोधन के बाद 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले को मौत की सजा दिये जाने का प्रावधान होगा ।
आपको बता दें कि अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तब भी यह केवल उन पर लागू होगा जो कानून बनने के बाद की घटनाएं होंगी ।

रविवार, 15 अप्रैल 2018

रामविलास पासवान बोले- गरीब सवर्णों को भी मिलना चाहिए आरक्षण का फायदा।

रोहन यादव : पटना : एलजेपी प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हम चाहते हैं कि गरीब सवर्णो को भी 10 या 12 प्रतिशत आरक्षण मिले। न्यायपालिका में आरक्षण जरूरी है। राजद में हिम्मत है तो तेजस्वी यादव को छोड़कर जीतन राम मांझी को सीएम उम्मीदवार घोषित करे। यूपी में सीएम रहते मायावती ने एससी-एसटी एक्ट को शिथिल करने का जो आदेश निकाला था, उसके लिए उन्हें दलितों से माफी मांगनी चाहिए। हमारी सरकार सांप्रदायिकता को बर्दाश्त करने वाली नहीं है। 

दलित सेना के राष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो दलितों के लिए जितना कर दिया उतना सात जन्म में कोई नहीं कर सकता। मांझी को कहां से कहां तक पहुंचा दिया। कांग्रेस बताये कि अपने शासनकाल में उसने दलितों के लिए क्या किया। एससीएसटी एक्ट भी वीपी सिंह की देन है। नरेन्द्र मोदी ने उसे मजबूत किया। पहले 22 अत्याचार उसके तहत आते थे, मोदी ने बढ़ाकर 47 अत्याचारों को शामिल किया। बिहार में निचली अदालतों में नीतीश कुमार ने आरक्षण की व्यवस्था कर दी है। लेकिन जब तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में यह व्यवस्था नहीं होगी। दलितों के हक के खिलाफ फैसले आते रहेंगे। 

केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि आरक्षण पर बहस एक साजिश के तहत की जा रही है। ऐसा करने वाले चाहते हैं कि पिछड़े और दलित इसी में उलझ कर रह जाएं। लोग कहने लगे हैं कि आरक्षण छीन लेंगे। हम कहते हैं कि अभी और लेंगे। उन्होंने कहा कि चाय बेचने वाला पीएम हो सकता है लेकिन वर्तमान व्यवस्था में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं हो सकता। हम कोर्ट से आग्रह कर रहे हैं कि ऐसी व्यवस्था करे कि दलित, पिछड़े और गरीब भी वहां पहुंचे। राष्ट्रपति ने भी चिंता जताते हुए कहा है कि न्यायपालिका में महिलाएं 25 प्रतिशत भी नहीं हैं। दलित तो शायद ही अब तक कोई हुआ हो।

लोजपा संसदीय बोर्ड के चेयरमैन चिराग पासवान ने कहा कि आजादी के इतने दिनों बाद भी दलितों को हक के लिए संघर्ष की जरूरत पड़ती है तो यह तय करना होगा कि इसके पीछे कौन हैं। अब तक देश पर शासन करने वालों ने क्या किया। मेरे रहते आरक्षण पर आंच भी नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंबेडकर से जुड़े सभी स्थलों को स्मारक घोषित कर उनका विकास किया है।